
शहडोल. जिले में सोयाबीन खरीदी शुरू हुए चार दिन बीत चुके हैं, लेकिन मंडी में सन्नाटा पसरा हुआ है। आश्चर्यजनक बात यह है कि इन चार दिनों में एक भी किसान सोयाबीन की फसल बेचने मंडी नहीं पहुंचा। इसका मुख्य कारण इस साल सोयाबीन की फसल को पीले मोजेक से भारी नुकसान हुआ है। जिसमें पहले ही किसानों की 60-70 फीसदी फसल खराब हो चुकी थी, और अब बीती रात हुई झमाझम बारिश ने किसानों की बची हुई उम्मीदों पर भी पानी फेर दिया है। किसानों कहना है कि जैसे-तैसे जो थोड़ी-बहुत फसल बची थी, उसे बचाने की भरसक कोशिश की थी, उम्मीद थी कि कम से कम वह उन्हें कुछ आर्थिक संबल देगी, लेकिन बीती रात हुई बारिश से वह भी नष्ट होने के कागार पर पहुंच गई। किसानों का कहना है कि इस बार सोयाबीन में भारी नुकसान हुआ है।
भावांतर भुगतान योजना के तहत सोयाबीन की फसल बेचने 774 किसानों ने पंजीयन कराया है। जिले में इस बार 8380.36 हेक्टेयर रकवे में सोयाबीन की खेती गई थी। इसमें 1369.69 हेक्टयर रकबे से सोयाबीन की फसल बेचने किसानों ने पंजीयन कराया है। कृषि उपज मंडी में 24 अक्टूबर से शुरू हुई खरीदी के चार दिन बाद भी एक दाने की खरीदी नहीं हो सकी।
कृषि उपज मंडी से सोयाबीन खरीदी के लिए इस बार 30 लाइसेंसी व्यापारियों को चिन्हित किया गया है। उपज बेचने के दौरान मंडी के अधिकारी व्यापारियों व किसानों की मध्यस्थता कराकर फसल के उचित दाम तय करेंगे, जिससे किसानों को सुविधा के साथ अच्छे दाम भी मिल सके। इससे किसानों को आर्थिक क्षति नहीं उठानी पड़ेगी और बिचौलियों को अपनी फसल बेचने से बच सकेंगे।
इनका कहना है
सोयाबीन बिक्री के लिए इस बार जिले में 774 किसानों ने पंजीयन कराया है, लेकिन खरीदी के चार दिन बीतने के बाद भी किसान नहीं पहुंच रहे हैं। खरीदी के लिए आवश्यक तैयारियां कर ली गई हैं।
कुंवर साय भगत, मंडी सचिव
Published on:
28 Oct 2025 12:05 pm
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