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अजब-गजब: आंख में पट्टी बांधकर पढ़ती है पुस्तक, बता देती है किसी भी वस्तु का रंग

कक्षा-3 से कर रही मेडिटेशन, प्रतिदिन करती है 1 घंटे अभ्यास

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अजब-गजब: आंख में पट्टी बांधकर पढ़ती है पुस्तक, बता देती है किसी भी वस्तु का रंग

अजब-गजब: आंख में पट्टी बांधकर पढ़ती है पुस्तक, बता देती है किसी भी वस्तु का रंग

शहडोल. रेलवे स्कूल में कक्षा 9वीं की छात्रा के हुनर ने सभी को अचरज में डाल रखा है। इस छात्रा को आप किसी भी बुक का कोई भी पेज निकालने के लिए कहो वह आंख में पट्टी बांधकर बे-धडक़ न केवल वह पेज निकाल देगी बल्कि उस पेज में क्या-क्या लिखा है पढकऱ भी सुना देगी। उसका टैलेण्ड यहीं तक सीमित नहीं है वह किसी भी वस्तु को छूकर उसका रंग भी बता सकती है, बिना देखे मोबाइल में नम्बर डायल कर सकती है और बड़ी आसानी से लिख पढ़ भी सकती है। यह सबकुछ संभव है मेडिटेसन व अभ्यास से। हम बात कर रहे हैं हाउसिंह बोर्ड कॉलोनी निवासी जजा सिद्दीकी की। जजा वर्तमान में स्थानीय रेलवे स्कूल में कक्षा 9वीं की छात्रा है।
और बेहतर करने कर रही प्रयास
जजा बताती है वह इतने में रुकने वाली नहीं है। कोर्स के कुछ पार्ट छूट गए थे, जिन्हे अब वह कवर करने का प्रयास कर रही है। वह दीवार के दूसरे ओर देखने और किसी के मन में क्या चल रहा है यह जानने के लिए अभ्यास कर रही है। जजा का कहना है कि वह जल्द ही इस कला को भी सीख लेगी।
20 सप्ताह का था कोर्स, पहले सप्ताह में कर लिया कवर
जजा कक्षा 3 से इसका अभ्यास कर रही है। शहडोल में ही संचालित एकेडमी में 20 सप्ताह का मेडिटेशन कोर्स करने गई थी। इसे उसने एक सप्ताह में पूरा कवर कर लिया था। पुस्तकें पढऩा, कोई भी पेज खोलकर उसकी संख्या बताना, लिखना, कलर पहचानना उसे बड़ी आसानी से आने लगा था। इसके बाद भी उसने अभ्यास नहीं छोंड़ा अब भी वह 1 घंटे का समय मेडिटेशन के लिए देती है।
मुश्किल है लेकिन आनंद भी आता है
स्पर्श करके पुस्तक पढऩा, कलर पहचानना इतना आसान नहीं होता है। इसके लिए एकाग्रता बहुत आवश्यक है। शुरुआती दौर में यह बहुत ही मुश्किल था, लेकिन आनंद भी आता था। मेडिटेशन करने से सभी चीजे धीरे-धीरे आसान होती गई। मेडिटेशन से ब्रेन की मेड आई ओपेन हो जाती है इसके बाद आंख बंद करने के बाद भी सबकुछ दिखने और महसूस होने लगता है। अब वह इतना अभ्यस्थ हो गई है कि इसके लिए हर वक्त तैयार रहती है।
खेल में भी अव्वल
रेलवे स्कूल के स्पोट्र्स टीचर रहीम बताते हैं कि जजा के पास आंख में पट्टी बांधकर पढऩे लिखने के हुनर तो है ही साथ ही वह एक अच्छी फुटबाल खिलाड़ी भी है। प्रतिदिन वह इसका अभ्यास भी करती है। खेल में भी वह किसी से कम नहीं है।