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पुश्तैनी जायदाद होता है महुआ का पेड़

कई पुश्त तक परिवार में होता है बंटवारा

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Shahdol online

Apr 20, 2016

ram ramaa tree

ram ramaa tree

शहडोल. आदिवासी बाहुल्य क्षेत्रों में महुआ का पेड़ पुश्तैनी जायदाद कहलाता है।
परिवार के बीच महुआ पेड़ का बंटवारा कई पुश्तों तक भाई-भाई के बीच होता है।
इसके बाद भी संपत्ति के रूप में महुआ पेड़ को लेकर अक्सर विवाद की घटना
होती है। जंगल में प्राकृतिक रूप से उगने वाले महुआ वृक्षों पर ग्रामीणों का कब्जा पुश्तैनी आधार पर रहता है। इस विषय पर गांव में विवाद नहीं होता है। जब किसी परिवार में संपत्ति का बंटवारा होता है तो अन्य संपत्तियों की तरह ही इन पेड़ों का बंटवारा भी किया जाता है।
इन पेड़ों पर कई पीड़ी आमदनी प्राप्त करती है। महुआ पेड़ को लेकर गांवों में अक्सर संवेदनशील स्थिति रहती है। महुआ का पेड़ खेत में लगा हो या फिर जंगलों के किनारे, ग्रामीण उसकी सुरक्षा अन्य अचल संपत्ति की तरह करते हैं।
सीजन में पेड़ के नीचे रहता है डेरा
महुआ का सीजन शुरू होते ही ग्रामीण जंगल में महुआ के पेड़ के नीचे डेरा डाले रहते हैं। महुआ बीनने का काम पूरा परिवार एक साथ मिलकर करता है। इस दौरान ग्रामीण महुआ पेड़ की तकवारी करने के लिए घर तक नहीं जाते, वे भोजन तक पेड़ के नीचे बैठकर जंगलों और खेतों में खाते हैं।महुआ की तकवारी के दौरान दौरान उन्हें हाथी और भालु सहित अन्य जंगली जानवरों का भी सामना करना पड़ता है। शहडोल, उमरिया और अनूपपुर के जंगलों में सबसे ज्यादा खतरा भालू का होता है। भोर के समय अक्सर भालू और महुआ ताकने वाले परिवार का सामना हो जाता है जिस कारण इन्हें हमले के खतरे का भी सामना करना पड़ता है।
दादा ने किया था बंटवारा
भमला गांव में रहने वाले विजय ङ्क्षसह बताते हैं कि उनके यहां चार महुआ के पेड़ हैं, जिसका बंटवारा उनके दादा ने किया था। पिता के हिस्से में दो पेड़ आए थे, जिसके बाद हमारा परिवार के दो महुआ पेड़ पर मालिकाना हक है। हम इन पेड़ से महुआ एकत्रित करते हैं और दो अन्य पेड़ से परिवार के लोग। इसके अलावा हम परिवार के लोगों ने वन विभाग से भी महुआ का पेड़ किराए में ले रखा है। इसको लेकर भी बंटवारा किया है।ं
कई पुश्त से हिस्सा बांट
चन्नौड़ी में रहने वाले अकलिया चर्मकार ने बताया कि उनके परिवार में पिछले कई पुश्त से महुआ पेड़ को लेकर बंटवारा हो रहा है। कभी पेड़ इस भाई के पास था, कभी बंटवारे में उस भाई के पास चला गया। उन्होंने बताया कि अभी हमारे पास नौ महुआ के पेड़ हैं, जिस पर हमारा मालिकाना हक है। अब इस पेड़ को मेरे द्वारा अपनी संतानों के बीच हिस्सा बांट कर दिया जाएगा, ताकि वे अपने हिस्से के पेड़ से ही महुआ एकत्रित करें।