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बस ऑपरेटर इस प्रकार से सरकार को लगा रहे चपत, रूट बदलकर चला रहे बसें

टूरिस्ट परमिट के नाम पर हेरफेर कर दौड़ाते हंै बस, परिवहन विभाग की भी गठजोड़टूरिस्ट परमिट बस में बैठी थी 75 सवारी, 2 बसों पर कार्यवाही करते हुए किया जब्त

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बस ऑपरेटर इस प्रकार से सरकार को लगा रहे चपत, रूट बदलकर चला रहे बसें

बस ऑपरेटर इस प्रकार से सरकार को लगा रहे चपत, रूट बदलकर चला रहे बसें

शहडोल. टूरिस्ट परमिट की आड़ में बस ऑपरेटर्स बड़ा हेरफेर कर रहे हैं। पथखई घाट में बस पलटने से तीन लोगों की मौत मामले की जांच में बड़ी गठजोड़ उजागर हुई है। बस ऑपरेटर्स संभाग से टूरिस्ट परमिट लेकर बसों को दौड़ा रहे थे। अधिकारियों की सांठगांठ की वजह से लंबे समय से बस ऑपरेटर्स सरकार को कर की चपत लगा रहे थे। हादसे के बाद अधिकारियों ने जांच शुरू की तो पिछले तीन दिन के भीतर 8 बसों के खिलाफ कार्रवाई की है। यातायात व आरटीओ की संयुक्त कार्यवाही में देर रात शहडोल से गुजरने वाली छत्तीसगढ़ी व उत्तर प्रदेश की एसी बसें जब्त की हैं। जो टूरिस्ट परमिट पर चल रही हैं। देर रात बसों की चेकिंग की गई। चेकिंग के दौरान नरेश बस सर्विस की दो बसें जिनमें से दोनों ही टूरिस्ट परमिट पर चल रही थी। पुलिस ने दोनों बसों को जब्त कर आरीटीओ कार्यालय मे पेश किया गया है। गौरतलब है कि टूरिस्ट परमिट पर यात्री सवारी को ले जाने पर बीते दिनों एक बस सड़क हादसे का शिकार हो गई थी जिसमें तीन यात्रियों की मौके पर मौत हो गई थी और 40 से ज्यादा यात्री घायल थे। जिसके बाद प्रशासन हरकत में आया और कार्यवाही करते हुए बसों की चैकिंग शुरू की गई। अब तक यातायात पुलिस एवं आरटीओ के संयुक्त कार्यवाही में 13 बसों के विरुद्ध कार्रवाई की गई है । इसमें 8 बसें अभी की हैं। जबकि पांच बसों पर पूर्व में कार्रवाई की गई थी।
इस तरह सरकार को पहुंचाते हैं नुकसान
टूरिस्ट परमिट के नाम पर दौडऩे वाली ज्यादातर बसें छत्तीसगढ़ की हैं जो शहडोल से होकर गुजरती है। इन्हे अन्य स्टॉपेज पर खड़ा करने व सवारी बैठाने की अनुमति नहीं होती है। इसके बाद भी बस संचालकों द्वारा जहां क्षमता से अधिक मजदूरो को बैठाया जाता है। छत्तीसगढ के दुर्ग से इलाहाबाद, रायपुर से इलाहाबाद, लखनऊ सहित अन्य बड़े शहरों के लिए होती है। रायपुर और बिलासपुर की लगभग 12-15 बसें सीजी से यूपी के लिए रात्रि कालीन बस सेवा के नाम पर दौड़ती है। यह बसें रात में 11 बजे से सुबह 4 बजे तक दौड़ती है। जिनमें ठूंस-ठूंस कर मजदूरों के साथ सवारियां भी बैठाई जाती है। जिससे न केवल बस संचालकों द्वारा टैक्स चोरी की जाती है बल्कि टूरिस्ट परमिट को लेकर जारी गाइड लाइन को भी नजर अंदाज किया जाता है।
रूट बदलकर डिंडोरी, उमरिया से निकाल रहे बस
बस ऑपरेटर्स ने शहडोल में कार्रवाई देख नया तोड़ निकाल लिया है। बस ऑपरेटर्स शहडोल न लाकर बसों को अब डिंडौरी से शहपुरा होते हुए उमरिया पहुंचते हैं। यहां से अलग-अलग रूट के लिए बसें रवाना हो जाती है। उमरिया में सांठगांठ होने की वजह से कार्रवाई भी नहीं हो पाती है।
परमिट में हेरफेर, ठसाठस बैठा रखे थे 75 यात्री
यातायात डीएसपी अखिलेश तिवारी के अनुसार, परमिट शर्तों का उल्लंघन करने के साथ ही टूरिस्ट परमिट की आड़ में मजदूरों को ठसाठस बैठाकर ले जाया जा रहा था। बुधवार की रात हुई कार्रवाई में एक बस में क्षमता से अधिक सवारी लोड थे। बसों में छमता से अधिक सवारी बैठाया गया था। चैकिंग में पता चला कि बस में 75 सवारी बैठा कर ले जाया जा रहा था। बस को जब्त किया गया है।
अस्थायी परमिट लेते हैं, फिर मजदूरों को लाते ले जाते हैं
टूरिस्ट परमिट स्थाई तौर पर पांच साल के लिए मिलता है। जिससे बस संचालक परहेज करते हैं। बस संचालकों का कहना है कि कभी कभार टूर मिलता है। ऐसे में स्थाई परमिट में उन्हे नुकसान उठाना पड़ता है। ऐसे में बस संचालकों द्वारा अस्थाई तौर पर टूरिज्म परमिट लिया जाता है। जिसमें सामान्य दिनो में महीने में 5-10 परमिट की जारी होते हैं। सीजन में यह परमिट 100 के पार हो जाती है।