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पार्टी परमिट लेकर शहडोल से नागपुर दौड़ा रहे थे बस, पुलिस ने लगाया 10 हजार का जुर्माना

जुर्माना से बचने के लिए बस संचालक मोबाइल से ही बना लेते हैं पार्टी परमिट

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जुर्माना से बचने के लिए बस संचालक मोबाइल से ही बना लेते हैं पार्टी परमिट
शहडोल. बस संचालक व आरटीओ की आपसी गठजोड़ से बसों को नियम विरुद्ध तरीके से सडक़ों पर दौड़ाया जा रहा है। शुक्रवार को यातायात विभाग ने बस स्टैंड में बसों की चेकिंग की तो एक चौकाने वाला मामला सामने आया। यातायात पुलिस ने बताया कि बस क्रमांक एमपी 52 जेडए 3227 जो शहडोल से अनूपपुर, राजेन्द्रग्राम, मंडला, सिवनी होकर नागपुर के लिए जा रही थी। बस के दस्तावेजों की जांच करने पर पता लगा कि बस संचालक पार्टी परमिट लेकर सवारियों को ढोने का काम कर रहा है, जो परमिट नियमों का उल्लंघन है। यातायात पुलिस ने नियम विरुद्ध बस का संचालन करने पर 10 हजार रुपए का जुर्माना लगाया। डीएसपी यातायात मुकेश दीक्षित ने बताया कि बस संचालक स्वयं के मोबाइल से निर्धारित शुल्क जमा कर पार्टी परमिट आसानी से बना लेते हैं। इसके लिए उन्हें आरटीओ के चक्कर नहीं काटने पड़ते।

क्या है पार्टी परमिट

पार्टी परमिट किसी टूर, बारात या पिकनिक के लिए ली जाती है। इसमें सवारियों को एक स्थान से दूसरे स्थान तक लाना ले जाना पड़ता है। इस परमिट के तहत बस चालक बीच में बस रोककर सवारियों को उतार चढ़ा नहीं सकते हैं, लेकिन इस परमिट का गलत उपयोग करते हुए बस संचालक इसे सवारी ढोने के लिए ज्यादा इस्तेमाल करते हैं। इससे जांच में पकड़े जाने में काफी मदद भी मिल जाती है, और जुर्माना देकर वाहन को छुड़ा लेते हैं। बस मलिक अब इस परमिट का उपयोग लंबी दूरी के लिए भी करना शुरू कर दिए हैं। आरटीओ की उदासीनता के कारण बस संचालक परमिट का उल्लंघन करते हुए बसों को संचालन कर रहे हैं।