
रेवती नक्षत्र में शुरू हो रहा चैत्र नवरात्रि, शनिवार को शुभ नक्षत्र में होगी घट स्थापना, भक्त की पूरी होगी मनोकामना
शहडोल। जिले भर के देवी मंदिरो में बसंतेय नवरात्रि की तैयारिया पूरी कर ली गई है। चैत्र प्रतिपदा शनिवार सुबह से देवी मां को जल ढ़ारने श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ेगी। हर घरों में नौ दिन देवी मां की कृपा बरसेगी। पहले दिन घटस्थापना के साथ व्रत व पूजा अर्चना शुरू हो जाएगी। कलश स्थापना का शुभ मुहूर्त शनिवार की सुबह से २:५४ बजे तक उत्तम है। कलश स्थापना मां दुर्गा का आह्वान है । शक्ति की इस देवी का नवरात्रि से पहले वंदना शुभ मानी जाती है। मान्यता है कि इससे देवी मां घरों में विराजमान रहकर अपनी कृपा बरसाती हैं।
शहर में बूढ़ी माता मंदिर, खेर माता मंदिर, दुर्गा माता मंदिर , कंकाली माता समेत दर्जनों माता के दरवार में शुक्रवार शाम से ही वैदिक मंत्रोंचारण के साथ धार्मिक अनुष्ठान शुरू हो गए है। ऐतिहासिक सिंहपुर के प्रवेश द्वार में विराजमान तांत्रिक चमत्कारी कंकाली चामुंडा माता एवं ग्राम के अंतिम छोर में स्थित बूढ़ीदाई मंदिर में शनिवार से बासंतेय नवरात्र बैठकी कलश व जवारा बुवाई के साथ प्रारम्भ होगी। इस बार नवरात्र रेवत्री नक्षत्र से शुरू होगा। उदय काल में रेवती नक्षत्र का योग होने से साधना और सिद्धि का फल कई गुना प्राप्त होगा।
संस्कृत महाविद्यालय के प्राचार्य दीन बंधु मिश्रा का कहना है कि यह मां भगवती की आराधना के लिये श्रेष्ठ माना जाता है। चैत्र नवरात्र 6 अप्रैल से प्रारम्भ होकर 14 अप्रैल दिन रविवार को प्रात 6 बजे तक नवमी तत्पश्चात दशमी तिथि तक रहेगा। शनिवार को ही प्रतिपदा तिथि सूर्योदय से दोपहर 2:58 बजे तक होगा। 12 अप्रैल को सुबह 10:18 बजे से 13 अप्रैल दिन शनिवार को सुबह 8: 16 बजे तक अष्टमी तिथि होगी। उसके बाद नवमी लगेगी। 13 अप्रैल को महानवमी का व्रत होगा। नवरात्र हवन .पूजन 14 अप्रैल को प्रात 6 बजे के पूर्व किसी भी समय किया जा सकता है । नवरात्र का पारण 14 अप्रैल को सुबह 6 बजे के बाद होगा।
Published on:
05 Apr 2019 09:22 pm
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