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तत्कालीन सीएमओ सहित सहायक यंत्री और उपयंत्री को आरोप पत्र जारी

कमिश्नर ने विभागीय जांच के दिए आदेश

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Charge sheet issued to Assistant Engineer and Deputy Engineer including the then CMOतत्कालीन सीएमओ सहित सहायक यंत्री और उपयंत्री को आरोप पत्र जारी

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शहडोल. नगर के मोहनराम तालाब में नपा के अधिकारियों और इंजिनियरों द्वारा कराए गए करोड़ों रुपए के सौंदर्यीकरण कार्य और अनियमितता मामले को लेकर कमिश्नर आरबी प्रजापति ने विद्याशंकर चतुर्वेदी तत्कालीन सीएमओ नपा शहडोल और वर्तमान परियोजना अधिकारी शहरी विकास अभिकरण सतना तथा सहायक यंत्री ब्रृजेन्द्र वर्मा और उपयंत्री देवकुमार गुप्ता को विभागीय जांच कराए जाने से संबंधित आरोप पत्र जारी किया है। जारी आरोप पत्र में आरोपों का विवरण अभिलेख की सूची एवं साक्ष्य की सूची संग्लन कर अधिरोपित किए गए आरोप के संबंध में 7 दिवस के अंदर लिखित प्रतिवाद प्रस्तुत करते हुए यह अवगत कराने के लिए उल्लेखित किया गया है कि विभागीय जांच प्रकरण में प्रत्यक्ष सुनवाई चाहते हंै, अथवा मौखिक जांच चाहते हंै, और अपने बचाव में कोई तथ्य, साक्ष्य इत्यादि प्रस्तुत करना चाहते हंै तो सूची प्रस्तुत करें। कमिश्नर ने कहा है कि यदि आरोप पत्र के प्रति उत्तर में लिखित प्रतिवाद नियत समयावधि में प्रस्तुत नहीं हुआ तो यह माना जाएगा कि इस संबंध में कुछ नहीं कहना है तथा प्रकरण में नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी।
२ करोड़ ९१ लाख रुपए की हेराफेरी-
आरोप पत्र में कमिश्नर ने कहा है कि मोहनराम तालाब के पास रिटेनिंग बाल ए साइट कार्य में विभागीय कार्यों के लिए सामग्री पूर्व स्वीकृत दर पर क्रय किया एवं मजदूरों का मस्टर न बनाकर लेवर कॉन्टेक्ट के रूप में भुगतान किया गया, और कार्यपालन यंत्री लोक निर्माण विभाग से मूल्यांकन नही कराया गया है और सामग्री बिना गुणवत्ता परीक्षण किए 14 लाख 53 हजार 102 रुपए का भुगतान किया गया जो प्रदाय आदेश से 5 लाख 86 हजार 132 रुपए का अधिक भुगतान किया गया। इसी प्रकार बिना सामग्री गुणवत्ता परीक्षण किए हुए 15 लाख 86 हजार 78 रुपए का भुगतान का किया गया जो प्रदाय आदेश से 3 लाख 89 हजार 11 रुपए अधिक किया गया है। जारी आरोप में बिना सामग्री गुणवत्ता परीक्षण एवं सीधे कोटेशन लेकर 8 लाख 11 हजार 451 रुपए का भुगतान किया गया है। इसी प्रकार सामग्री गुणवत्ता परीक्षण के 19 लाख 87 हजार 345 रुपए का भुगतान किया गया जो जारी आदेश से 6 लाख 5 हजार 493 रुपए अधिक है। इसी प्रकार अन्य आर्थिक भुगतान की अनियमितता भी पाई गई है। इस प्रकार कुल 2 करोड़ 91 लाख 54 हजार 548 रुपए की आर्थिक अनियमिमता की है गई है।