21 दिसंबर 2025,

रविवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

अरना-मुडऩा के संगम स्थल पर डेम बनने से शुद्ध हो सकती है मुडऩा नदी

स्वच्छ जल के भराव की असीम संभावनाएं, बन सकता है शहडोल की जलापूर्ति का बेहतर साधन

2 min read
Google source verification
Daman river can be purified by becoming a Dham at the confluence point of Arna-Mundana

Daman river can be purified by becoming a Dham at the confluence point of Arna-Mundana

शहडोल. संभागीय मुख्यालय में नगर की जीवनदायिनी मुडऩा नदी की सहयोगी नदी अरना के संगम स्थल पर डेम का निर्माण कर उसे पिकनिक स्पाट के रूप में यदि विकसित कर दिया जाए, तो जहां एक ओर नगर की पेयजल समस्या का स्थाई समाधान हो सकता है। वहीं दूसरी ओर नगरवासियों को एक बेहतर रमणीय स्थल की सौगात मिल सकती है। इसके लिए पूर्व विधायक कुं. गंभीर सिंह ने अपने कार्यकाल में कार्य योजना भी बनाई थी, मगर उसमें प्रशासनिक स्तर पर गंभीरता से विचार नहीं किया गया। जानकारों का यह भी मानना है कि यदि मुडऩा पर डेम क ा निर्माण करा दिया जाए तो मुडऩा नदी का पानी स्वच्छ हो सकता है, क्योंकि शहर के गंदे नालों के पानी को नदी में बहाने से पहले नगर प्रशासन को अपनी स्वच्छता की जिम्मेदारी का निर्वहन करना होगा। चूंकि अभी मुडऩा नदी के जल का कोई उपयोग नहीं किया जा रहा है, इसलिए गंदे नालों का पानी बेखौफ बहाया जा रहा है, मगर डेम बनने के बाद उसकी स्वच्छता की जिम्मेदारी सभी लोग निभाएंगे तो नदी का पानी अपने आप स्वच्छ हो जाएगा।
अरना में नहीं बहती गंदगी
बताया गया है कि मुडऩा की सहयोगी नदी अरना शहर से काफी दूर बहती है। उसके तट पर गांवों की बसाहट भी नहीं है। नतीजतन उसका पानी हमेशा स्वच्छ रहता है। जबकि मुडऩा नदी में नगर के पुरानी बस्ती, रेलवे कॉलोनी, सब्जी मंडी, घरौला मोहल्ला, पाण्डव नगर और सोहागपुर के निस्तार का गंदा पानी छोड़ा जा रहा है। जिससे अरना का पानी भी मुडऩा में मिलकर अशुद्ध हो जाता है, मगर डेम बनने से शहरवासियों को शुद्ध पेयजल मिलने का एक बेहतर साधन हो मिल जाएगा।
सीनियर सिटीजन ने छेड़ी मुहिम
गंगा और नर्मदा नदी की तर्ज पर शहडोल सीनीयर सिटीजन ग्रुप पाण्डव नगर द्वारा मुडऩा नदी बचाओ अभियान छेड़ा गया है। अभियान के माध्यम से शासन एवं प्रशासन सहित जागरूक नागरिकों का ध्यानाकर्षण कर मुडऩा को स्वच्छ रखने के लिए 14 बिन्दुओं पर कार्रवाई की मांग भी की गई, मगर उस पर आज तक कोई सार्थक कार्रवाई या निर्णय नहीं लिया जा सका। जबकि बुजुर्गों के अनुभवों के आधार पर उनकी मांगों पर ध्यान दिया जाना अत्यन्त आवश्यक है।
19 करोड़ का बनेगा डेम
जल संसाधन विभाग द्वारा समीपी ग्राम पचगांव में 19 करोड़ रुपए की लागत से एक डेम बनाने की कार्य योजना है। इस योजना को प्रशासकीय स्वीकृति भी मिल चुकी है। विभाग के कार्यपालन यंत्री डी आर आंकरे ने इस डेम से शहडोल पूरे नगर की जलआपूर्ति दुरुस्त होने का भी दावा किया है और पीएचई विभाग के अधिकारियों से चर्चा भी की है। उन्होने बताया है कि डेम बनने से ग्राम पचगांव, मझौली, ङ्क्षसदुरी, विचारपुर व वासिनी के करीब 4 60 हेक्टेयर क्षेत्र को सिंचाई की एक बेहतर सुविधा मिलेगी।