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भक्ति रस में डूबा शहर, श्रीमद भागवत कथा सुनने उमड़ी श्रद्धालुओं की भीड़

राजेन्द्र टाकीज में संगीतमयी कथा आयोजित

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Devotees in devotional interest, Shrimad Bhagwat narrated a crowd of devotees

Devotees in devotional interest, Shrimad Bhagwat narrated a crowd of devotees

शहडोल. नगर के राजेन्द्र टाकीज में आयोजित संगीतमयी श्रीमद भागवत कथा को सुनने नगर के श्रद्धालुओं की भारी भीड़ जमा हो रही हैख् और शहर के लोग भक्तिरस में श्रीमद भागवत कथा का श्रवण करने पहुंचकर आनेद ले रहे हैं। भागवत कथा का वाचन बाल बिदुषी कुमारी शष्रता त्रिपाठी ने बुधवार को आयोजित कथा के दौरान बताया कि भक्ति दो तरह की होती है एक साकार और दूसरी निष्काम भक्ति। उन्होने बताया कि दोनों में फर्क यह है कि साकार भक्ति जिसको व्यक्ति अपनी इच्छा पूर्ति के लिए भजन करता है अपनी मनोकामनाएं पूरी करने के लिए पूजा पाठ करता है और दूसरी भक्ति वह होती है जिसमें व्यक्ति भगवान को प्रसन्न करने के लिए भजन करता है। और वही सच्ची भक्ति कहलाती है। हमारे लिए देवी देवता इच्छापूर्ति करने का साधन है। हर चीज में हमारी सकामना है और इससे हमारी भक्ति क्षीण होती जाती है। उन्होने कथा का वाचन करते हुए कहा कि जिस दिन हम परमात्मा के लिए पूर्ण समर्पित हो जाएंगे उस दिन पत्थर की मूर्ति भी बोल उठेगी। भगवान कहते हैं कि भक्त की प्रतिज्ञा को रखने के लिए अपनी प्रतिज्ञा को भी तोड़ सकता हूं। पितामह भीष्म की प्रतिज्ञा को रखने के लिए अपनी प्रतिज्ञा को तोड़ा भगवान कहते हैं कि अपना मान टल जाए लेकिन भक्त का नहीं। राजेन्द्र टाकीज में आयोजित कथा में लोक संस्कृति पर आधारित वृन्दावन जैसा परिदृश्य देखने को मिल रहा है। कथा का आयोजन मंगलवार शाम 4 से 7 बजे तक किया जा रहा है जिसका समापन 16 जुलाई को किया जाएगा।