
कभी मेंस तो कभी इंटरव्यू से बाहर, तीसरी बार बनाई रैंक
शहडोल। लक्ष्य निर्धारित हो तो तमाम उतार चढ़ाव के बाद भी आखिरकार मंजिल मिल ही जाती है। कभी मेंस तो कभी इंटरव्यू से बाहर होने वाले उमरिया के रहने वाले हिमांशु ने अंतत: देश की सबसे बड़ी परीक्षा यूपीएससी में रैंक बनाई है। हिमांशु प्रजापति ने भारतीय प्रशासनिक सेवा में चयनित होकर 124 वी रैंक प्राप्त की है। हिमांशु केंद्रीय विद्यालय नौरोजाबाद से स्कूली शिक्षा लेने के साथ ही आईआई टी दिल्ली से पढ़ाई के बाद अभी संघ लोक सेवा आयोग से चयनित होकर आईएफ एस की ट्रेनिंग ले रहे थे। हिमांशु का आईएफएस में चयन 2016 में पहली बार में ही हो गया था लेकिन आईएएस अफसर बनने का सपना था। हिमांशु लगातार मेहनत कर रहे थे लेकिन कभी मेंस तो कभी इंटरव्यू से बाहर कर दिया जाता था। हिमांशु ने हार नहीं मानी और अंतत: तीसरी बार में यूपीएससी परीक्षा में बेहतर रैंक बनाई है। माता पीबी प्रजापति बीईओ एवं पिता एल एम प्रजापति कोल इंडिया में सिविल इंजीनियर हंैं।
सैनिक स्कूल में अनफिट लेकिन पिता नहीं माने हार
हिमांशु के पिता एल एम प्रजापति ने पत्रिका से बातचीत में बताया कि सैनिक स्कूल की परीक्षा भी उत्तीर्ण की थी लेकिन मेडिकल अनफिट बताते हुए चयन नहीं हुआ था। यहां अधिकारियों ने कहा था कि नंबर इतने बेहतर हैं कि हम बता नहीं सकते लेकिन आंखों में दिक्कत ही वजह से चयन नहीं कर सकते। पिता एलएम प्रजापति कहते हैं तभी सोच लिया था कि बेटे को कलेक्टर बनाना है।
Published on:
07 Apr 2019 05:20 pm
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