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इतने बड़े अस्पताल के इस तरह के हालात, स्टेट टीम के निरीक्षण में मिलीं खामियां

अस्पताल प्रशासक को मिशन संचालक की नोटिस, 7 दिन के भीतर मांगा जवाब

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शहडोल. जिला अस्पताल में अव्यवस्थाएं हावी हैं। स्टेट टीम के निरीक्षण के दौरान कायाकल्प और एनक्यूएएस प्लानिंग में लापरवाहियां मिली हैं। शासन ने 13 बिंदुओं पर रिपोर्ट तैयार करते हुए जिला अस्पताल के प्रशासक को नोटिस भेजा है। शासन ने अस्पताल प्रशासक से कारण बताओ नोटिस भेजते हुए सात दिन के भीतर जवाब मांगा है।
जवाब संतोषजनक न होने पर शासन बड़ी कार्रवाई भी कर सकता है। राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के मिशन संचालक धनराजू एस द्वारा यह नोटिस जिला अस्पताल के प्रशासक पारसनाथ शुक्ला को भेजा गया है। जिसमें सबसे ज्यादा लापरवाही कायाकल्प और एनक्यूएएस में बरती गई है। लापरवाही का खुलासा स्टेट टीम के औचक निरीक्षण के दौरान हुआ था। स्टेट टीम ने निरीक्षण करते हुए अपनी रिपोर्ट शासन को सौंप दी थी, जिसके बाद हाइकमान ने जवाब मांगने की कार्रवाई की है।
न पेसेंट सेटिसफिकेशन और न ही ऑडिट रिपोर्ट
स्टेट टीम ने निरीक्षण के दौरान पाया था कि न तो पेसेंट सेटिसफिकेशन कराया जा रहा है और न ही ऑडिट की जा रही है। इतना ही नहीं ये रिपोर्ट राज्य को भी नहीं भेजी जा रही थी। नोटिस में कहा है कि अस्पताल द्वारा दी जा रही गुणवत्ता सुधार के लिए डेथ आडिट, प्रिस्क्रिप्सन आडिट और मेडिकल आडिट नहीं कराए जा रहे हैं।
योजनाएं प्रभावी तरीके से लागू नहीं
मिशन संचालक द्वारा अस्पताल प्रशासक को भेजे गए पत्र में कहा है कि जिला अस्पताल में पदस्थापना योजनाओं और व्यवस्थाओं को प्रभावी तरीके से कराने के लिए की गई है। स्टेट टीम द्वारा अस्पताल प्रशासक द्वारा कराए गए कार्यो की समीक्षा की गई। जिसमें १३ बिंदुओं पर प्रभावी तौर से लागू कराना नहीं पाया गया। इसके कारण जिला अस्पताल में कई योजनाओं और व्यवस्थाओं का सही तरीके से क्रियान्वयन नहीं किया जा रहा है।
इन बिंदुओं पर मिली लापरवाही
अस्पताल का प्रतिदिन राउंड नहीं लिया जा रहा है और न ही राउंड रजिस्टर संधारित किया जा रहा है।
बायोमेडिकल बेस्ट, इंफेक्शन कंट्रोल पर प्रशिक्षण आयोजित न कराना।
मंथली डीक्यूटी और इंफेक्शन कंट्राल की बैठक आयोजित न कराना।
संस्था की साफ सफाई और बायोमेडिकल बेस्ट की नियमित समीक्षा और सुधार न कराना।
जिला अस्पताल को एनक्यूएएस गाइडलाइन के अनुरूप विकसित करने में संतोषजनक काम नहीं किया गया।
जिला अस्पताल को कायाकल्प के मापदण्डों के अनुरूप विकसित नहीं किया गया।
एनक्यूएएस सहीं ढंग से नहीं किया गया और न ही सुधार के लिए कोई प्लानिंग तैयार की गई।
जिला अस्पताल में डेली राउंड रजिस्टर की अनुपलब्धता।
संस्थावार न तो एसओपी फालो किया गया है और न ही एसओपी का अपडेट किया जा रहा था।