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ग्रामीण क्षेत्रों में बाघ का आंतक, रोजाना मवेशियों का कर रहे शिकार

ग्रामीणों की जान पर मंडराया खतरा...

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शहडोल

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Rajan Kumar

Jan 11, 2018

In rural areas tiger intruders hunting cattle daily

In rural areas tiger intruders hunting cattle daily

अनूपपुर . बाघों के ग्रामीण क्षेत्रों में लगातार बन रहे मूवेंट से ग्रामीणों की जानों पर खतरा मंडरा रहा है। इसमें 8 जनवरी की शाम अकुआ गांव के वन बीट पीएफ 365 ललमाटा गांव में बाघों ने 4 मवेशियों का शिकार कर ग्रामीणों को बाघों की उपस्थिति की चेतावनी दे दी। वहीं 9 जनवरी की शाम को बाघ ने फिर से चंद दूरी स्थित वनपरिक्षेत्र जैतहरी के भेलमा गांव में दो मवेशियों का शिकार कर उसके मांस खा गए। घटना की सूचना पर वनपरिक्षेत्र अधिकारी सुरेश बहादुर सिंह ने मौका का जायजा लेकर ग्रामीणों को सुरक्षित जंगलों की ओर आवाजाही की चेतावनी दी। वनविभाग के अनुसार बाघों ने हाल के दिनों में लगातार दर्जनों मवेशियों का शिकार किया है, जिसमें अकुआ और औढेरा गांव में बाघों के पैर के निशान भी पाए गए। वनविभाग के अनुसार बाघों की उपस्थिति को आंकलन करते हुए कुछ स्थानों पर बाघों के मूवेंट पर निगरानी के लिए ट्रेप कैमरा भी लगाए गए हैं। लेकिन वनविभाग की लगातार निगरानी नहीं होने से विभाग बाघों के सही मूवेंट की जानकारी नहीं जुटा पाया है। विदित हो कि इससे पूर्व13 नवम्बर को अहिरगंवा गांव में बाघ द्वारा एक 7 वर्षीय गाय के शिकार करने तथा वनीय जीवों की सुरक्षा में लगाए गए ट्रेप कैमरे में बाघ की उपस्थिति दो दिनों तक बने रहने की जानकारी मिली थी। जिसमें वनविभाग ने बाघों के शिकार की खोज में किसी ग्रामीण के शिकार बनने की आशंका पर आसपास के बीटगार्डो तथा वनसमितियों को अलर्ट कर सुरक्षा बरतने के निर्देश दिए थे। साथ ही ग्रामीणों से शाम के दौरान जंगल में नहीं जाने तथा रात को पशुओं को खुले में नहीं छोडऩे की सलाह दी थी। इसके अलावा गांव में किसी प्रकार की घटना या सूचना पर तत्काल विभाग को जानकारी देने के निर्देश जारी किए थे।
एक ओर जहां वनविभाग बाघों के मूवेंट पर अपनी निगरानी नहीं रख पा रहा है, वहीं बाघों के पदचाप अपने बफर जोन से दूर आबादी वाले इलाकों तक पहुंचती जा रही है। वनविभाग के सूत्रों के अनुसार फिलहाल अनूपपुर और जैतहरी वनपरिक्षेत्र के भेलमा, खुरसा, केरहा, बैहार, ठोही, खोलैया, डालाडीह, अकुआ, औढेरा, किरर, सजहा, बडहर, लखनपुर, पचरीपानी, डिडवापानी, पटपरहा, छीरापटपर तथा अनूपपुर-बुढार से सटे वनीय क्षेत्र समुधाटोला, बनरचुई, खौह, सोनहा जबकि पुष्पराजगढ़ के पडरीबकान, दुधमनिया, भमराहा, नवगई, नौगवां, गिरवी, धर्मदास, अमगंवा जैसे गांवों में बाघ के मूवेंट बने हुए हैं, जहां बाघ अपने शिकार को आसानी से पकड़ता है। लेकिन इन क्षेत्रों में ग्रामीण आबादी होने के कारण ग्रामीणों के जीवन भी हमला मे प्रभावित होते रहते हैं। हालांकि वनमंडलाधिकारी प्रियांशी सिंह राठौड़ का कहना है कि अबतक बाघ के अनूपपुर क्षेत्र में प्रवेश कर जनहानि की सूचना नहीं है। लेकिन जिस प्रकार से बाघ के आसपास के गांवों में मूवेंट बनी हुई है उससे आगामी खतरे से इंकार नहीं किया जा सकता है। वनमंडलाधिकारी के अनुसार इसके लिए कैमरे की मदद से लगातार वनीय क्षेत्र में निगरानी रखी जा रही है, तथा बाघों के मूवमेंट पर भी पल पल जानकारियां जुटाई जा रही है।