
एमपी बोर्ड किताबों के सेट पर पांच से चालीस रुपए तक की हुई वृद्धि
शहडोल। मध्प्रदेश पाठ्य पुस्तक निगम ने किताबों की कीमतें बढ़ा दी हैं। जिससे कक्षा पहली से दसवीं तक की किताबों के सेट के दामों में 5 रुपए से लेकर 40 रुपए तक की वृद्घि हो गई है। इसका असर निजी स्कूलों में पढऩे वाले छात्रों के अभिभावकों पर पड़ेगा। किताबों की कीमत में 5 से 12 प्रतिशत तक की वृद्घि की गई है। गौरतलब है किे मध्यप्रदेश बोर्ड के सरकारी स्कूलों में तो राज्य सरकार की ओर बच्चों को नि:शुल्क किताबें दी जाती हैं, लेकिन निजी स्कूल के बच्चों को किताबें दुकानों से खरीदनी पड़ती है, जिसे दुकानदार बुक डिपो से खरीद कर विद्यार्थियों को उपलब्ध कराता हैं। इस कारण निजी स्कूलों में पढऩे वाले बच्चों के अभिभावकों पर किताबों की कीमतें बढऩे का असर पड़ेगा। मप्र पाठ्य पुस्तक निगम ने कक्षा पहली की किताबों के सेट में सात रुपया की वृद्धि की है। पिछले साल इसकी कीमत 132 रुपए थी, जो अब 139 रुपए कर दी गई है। इसी तरह दूसरी कक्षा का सेट 9 रुपया महंगा हुआ है। अभी भी एनसीईआरटी की किताबें नहीं छप पाई हैं। इसलिए स्कूलों में बच्चों को पिछले साल की किताबों से पढऩा पड़ रहा है।
अभी नहीं आई इन विषयों की किताबें
मप्र पाठ्य पुस्तक निगम के डिपो में हिन्दी माध्यम में कक्षा सातवीं की विज्ञान, नौवीं व दसवीं की सामाजिक विज्ञान, 11वीं की हिन्दी, अंग्रेजी व वर्कबुक और कक्षा 12वीं की टेस्टबुक नहीं आई है। इसी प्रकार अंग्रेजी माध्यम में कक्षा पांचवीं की स्पेशल सीरीज, इन्वायर मेन्टल, छठवीं की मैथ व सोशल साइंस, सातवीं की मैथ व साइंस, नौवीं व दसवीं की सोशल साइंस विषय की किताबें नहीं आई है। इस प्रकार अभी तक 80 फीसदी किताबें ही आई हैं।
नहीं बिकती 11वीं व 12वीं की विषयवार किताबें
दुकानदारों ने बताया है कि निजी विद्यालयों में कक्षा ग्यारहवीं व बारहवीं में मध्यप्रदेश पाठ्य पुस्तक निगम की विषयवार किताबों से पढ़ाई नहीं कराई जाती है। जिससे मैथ, बॉयोलाजी, कामर्स व आर्ट की किताबों की बिक्री नहीं होती है। जबकि इन कक्षाओं की किताबों का सरकारी स्कूलों में नि:शुल्क वितरण किया जाता है और पढ़ाई भी उन्ही किताबों से कराई जाती है। सरकारी शिक्षकों का भी यही कहना है कि निगम की पुस्तकें पढ़ाई के लिए ज्यादा बेहतर हैं।
किताबों के सेट की नई कीमत
कक्षा पहले अब
पहली 132 139
दूसरी 168 177
तीसरी 198 208
चौथीं 205 215
पांचवीं 210 221
छठवीं 301 317
सातवीं 340 358
आठवीं 420 441
नवमीं 460 491
दसवीं 511 551
(कीमत रुपए में)
इनका कहना है
पेपर व मजदूरी के बढ़ते दामों की वजह से निगम ने इस बार बोर्ड की किताबों में आठ से दस फीसदी वृद्धि की गई है। निगम का एनसीईआरटी से भी अनुबंध होता है और उसे भी रायल्टी देनी पड़ती है, इसलिए किताबों की कीमतों में बढ़ोत्तरी हुई है।
विपिन बिहारी त्रिपाठी, डिपो प्रबंधक, मप्र पाठ्य पुस्तक निगम, शहडोल
Published on:
02 May 2019 01:39 pm
बड़ी खबरें
View Allशहडोल
मध्य प्रदेश न्यूज़
ट्रेंडिंग
