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प्रतिबंध के बाद भी धड़ल्ले से हो रहा पॉलीथिन उपयोग, वर्ष भर में मात्र 45 लोगों के विरुद्ध कार्रवाई

पॉलीथिन से नाले हो रहे चोक, मवेशियों के लिए खतरनाक

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प्रतिबंध के बाद भी धड़ल्ले से हो रहा पॉलीथिन उपयोग, वर्ष भर में मात्र 45 लोगों के विरुद्ध कार्रवाई

प्रतिबंध के बाद भी धड़ल्ले से हो रहा पॉलीथिन उपयोग, वर्ष भर में मात्र 45 लोगों के विरुद्ध कार्रवाई

शहडोल. नगर से उठने वाले कचरे से हर वर्ष 2.5 टन सिंगल यूज पॉलिथिन जनरेट हो रही है। इसके निष्पादन के लिए जो व्यवस्थाएं बनाई गई हैं वह नाकाफी है। ऐसे में यह पॉलिथिन मानव के साथ मवेशियों के लिए भी जानलेवा साबित हो रहे हैं। परिणाम घातक होने के बाद भी इसके उपयोग पर अंकुश नहीं लग रहा है।जागरुकता और ठोस कार्रवाई के अभाव में प्रतिबंध के बाद भी बाजार में धड़ल्ले से सिंगल यूज प्लास्टिक का उपयोग किया जा रहा है। जागरुकता अभियान महज अवसर विशेष तक सिमट कर रह गया है। त्योहार व पर्व विशेष पर नगर पालिका व प्रदूषण नियंत्रण विभाग की संयुक्त टीम बाजार में नजर आती है। कार्रवाई के नाम पर कोरमपूर्ति कर अपनी जिम्मेदारियों से पलड़ा झाड़ ले रही है। सिंगल यूज प्लास्टिक का यह उपयोग पूरे पर्यावरण को प्रदूषित करने के साथ ही मानव जीवन को भी नुकसान पहुंचा रहा है। साथ ही नगर की स्वच्छता में भी सबसे ज्यादा बाधक पॉलिथिन बन रही है।
खाली हाथ आते हैं बाजार, हर जगह मिल रही पॉलीथिन
सब्जी खरीदना हो या फिर अन्य सामग्री लेना हो लोग खाली हाथ बाजार आते हैं और सभी सामग्री पॉलिथिन में भरकर ले जाते हैं। इसके बाद अगले दिन इसी पॉलिथिन में घर का कूड़ा करकट भरकर खुले में फेंक देते हैं। यहीं कूड़े-करकट से भरी पॉलिथिन मवेशियों को नुकसान पहुंचा रही है साथ ही नगर के नाली-नालों को भी चोक कर रही है। सब्जी, किराना, दूध सहित अन्य सामग्री पॉलिथिन में ही दी जा रही हैं। इसके अलावा कार्यक्रमों में प्लास्टिक की थाली, गिलास, कटोरी का उपयोग भी बेखौफ चल रहा है।
ट्रेंचिंग ग्राउंड के इर्द-गिर्द पॉलीथिन का ढेर
जिला मुख्यालय से लगभग 15 किमी दूर जमुआ में बनाए गए ट्रेंचिंग ग्राउण्ड का नजारा देखकर अंदाजा लगाया जा सकता है कि नगर से कितनी मात्रा में प्रतिदिन पॉलिथिन निकल रही है। टे्रंचिंग ग्राउण्ड में इसके निष्पादन की व्यवस्था बनाई गई है। इसके बाद भी ग्राउण्ड के चारों तरफ कचरे के साथ पॉलिथिन का ढ़ेर लगा हुआ है। इसी पॉलिथिन को मवेशी खाकर काल की गाल में समा रहे हैं। वहीं जलाने पर इससे निकलने वाला केमिकल युक्त धुआं पर्यावरण को प्रदूषित करने के साथ ही मानव जीवन को भी नुकसान पहुंचा रहा है।
कार्रवाई के नाम पर कोरम पूर्ति
जानकारों की माने तो नगर पालिका व प्रदूषण नियंत्रण विभाग का अमला जब कभी भी कार्रवाई करता है तो वह कार्रवाई महज कोरम पूर्ति तक सिमट कर रह जाती है। कभी सब्जी ठेले वाले से तो कभी किसी टपरे वाले के यहां दबिश देकर पॉलिथिन जब्त कर 100-200 रुपए का चालान काटकर इतिश्री कर ली जाती है। दिखावे इस कार्रवाई के चलते व्यापारी भी बेखौफ होकर पॉलिथिन का उपयोग कर रहे हैं। इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि एक वर्ष में नपा के अमले ने महज 45 लोगों पर कार्रवाई की है। जबकि समूचे नगर के बाजार में पॉलिथिन का उपयोग हो रहा है।
फैक्ट फाइल
प्रतिवर्ष कचरे से निकल रही पॉलिथिन 2.5 टन
प्रतिदिन जनरेट हो रही पॉलिथिन 10-12 किग्रा.
अप्रेल 2022 से मार्च 2023 तक कार्रवाई 45
चालानी कार्रवाई कर वसूली गई राशि 15000 रुपए
व्यापारियों से जब्त की गई पॉलिथिन 85.400 किग्रा.
इनका कहना है।
सिंगल यूज पॉलिथिन का उपयोग पूर्णत: प्रतिबंधित है। समय-समय पर कार्रवाई की जा रही है। यह पॉलिथिन पर्यावरण के साथ ही मानव जीवन के लिए भी घातक है। पॉलिथिन से नाले, नालियां चोक हो जाती हैं।
मोतीलाल सिंह, स्वच्छता निरीक्षक नगर पालिका शहडोल