शहडोल । केसरवानी जाति को अन्य पिछड़ा वर्ग में सम्मिलित किए जाने की मांग को लेकर गुरुवार को जिले भर में केशरवानी समाज ने विरोध प्रदर्शन कर मुख्यमंत्री के नाम कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा है। ज्ञापन में उल्लेख किया है कि प्रदेश में निवासरत केसरवानी जाति मध्यप्रदेश के रीवा, साीधी,सतना सिंगरौली, शहडोल, अनूपपुर, उमरिया, कटनी, जबलपुर, दमोह, सागर में बहुंसख्यक रूप से निवासरत हैं। पन्ना भोपाल, इंदौर में सैकड़ों परविार के साथ अन्य जिले में भी केसरवानी समाज निवासरत है। मध्यप्रदेश में केसरवानी जाति आर्थिक, शैक्षणिक तथा राजनीतिक रूप से समाज की अन्य जातियों के तुलना में पिछड़ी हुई जाति है। विशेषकर उन जातियों की तुलना में जिन्हें प्रदेश में अन्य पिछड़ा वर्ग का आरक्षण प्राप्त है। 1953 में राष्ट्रीय स्तर पर विकास की राष्ट्रीय मानकों की कसौटी पर गैर अजा, अजजा, जातियों को सर्वेक्षण काका कालेकर समिति ने किया जिन्होंने केसरवानी जाति को पिछड़ी जाति में माना था। प्रदेश में सात दशक बाद भी केसरवानी जाति आर्थिक, शैक्षणिक एवं राजनैतिक दृष्टि से अत्यधिक पिछड़ा हुआ है। समाज का 80 से 90 प्रतिशत परिवार जीवकोपार्जन के लिए हाथ ठेला व मजदूरी करने विवश है।
प्रदर्शन में प्रदेश अध्यक्ष अनिल गुप्ता, जेपी. गुप्ता,बृजेन्द्र गुप्ता, लक्ष्मण गुप्ता, प्रकाश गुप्ता, कृष्णा गुप्ता,दीपचंद गुप्ता, रामनिवास गुप्ता,योगेश गुप्ता, गौरव गुप्ता, अनुज गुप्ता, विपिन गुप्ता, अस्मित गुप्ता, सचिन गुप्ता, मनीष गुप्ता, यश गुप्ता, ऋतुराज गुप्ता, मुकेश गुप्ता, दीपक गुप्ता, सत्यभामा गुप्ता, शांति गुप्ता, भारती अमर गुप्ता, रीना गुप्ता,ज्योति गुप्ता, सुषमा गुप्ता, राजेश गुप्ता, विजय गुप्ता, मुकेश गुप्ता, अमित गुप्ता, जगदीश गुप्ता सहित बड़ी संख्या में समाज के लोग उपस्थित रहे।