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आखिर कब सुधरेगी मध्यप्रदेश के इस इंजीनियरिंग कॉलेज की व्यवस्था, अधर में छात्रों का भविष्य

कुलपति के आश्वासन के बाद भी हालात जस के तस, एक माह का दिया था समय चार माह बाद भी नहीं सुधरी व्यवस्था

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शहडोल- राजीव गांधी प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय भोपाल, शहडोल कॉलेज में अध्ययन कर रहे छात्रों के लिए वोकेशनल ट्रेनिंग की भी व्यवस्था नहीं कर पा रहा है। कॉलेज में व्याप्त अव्यवस्थाओं को लेकर
इंजीनियरिंग छात्र कई बार आंदोलन कर चुके हैं लेकिन आश्वासन के अलावा उन्हें कुछ भी हासिल नहीं हुआ है। वोकेशनल ट्रेनिंग, लैब, कैम्पस सिलेक्शन जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों को लेकर परेशान इंजीनियरिंग
कॉलेज के छात्रों की आरजीपीवी प्रबंधन भी सुनने को तैयार नहीं है।

जब भी छात्रों ने कॉलेज की व्यवस्थाओं को लेकर आवाज उठाई तो उन्हें आश्वासन का झुनझुना पकड़ा दिया गया। व्यवस्थाएं आज भी जस की तस बनी हुई हैं। माइनिंग ब्रांच के अंतिम वर्ष के छात्र वोकेशनल ट्रेनिंग के लिए जद्दोजहद कर रहे हैं लेकिन प्रबंधन द्वारा इस दिशा में अभी तक कोई ठोस कदम नहीं उठाए गए हैं।


कॉलेज में व्याप्त समस्याओं को लेकर इंजीनियरिंग छात्रों ने फरवरी माह में विरोध प्रदर्शन किया था। जिस पर राजीव गांधी प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय भोपाल के कुलपति द्वारा छात्रों को आश्वस्त किया गया था कि एक माह के अंदर सभी व्यवस्थाएं चुस्त दुरुस्त कर दी जाएंगी। लगभग 4 माह का समय बीत गया और अभी तक ऐसी कोई पहल नहीं की गई जिससे कि छात्रों की समस्याओं का समाधान हो सके। इंजीनियरिंग कॉलेज में छठवें सेमेस्टर की परीक्षाएं 1 माह पूर्व पूरी हो चुकी हैं। इसके बाद १ माह की वोकेशनल ट्रेनिंग का प्रावधान है।

दु:खद पहलू यह है कि माइनिंग ब्रांच के छात्र इस वोकेशनल ट्रेनिंग से अभी भी दूर हैं। छात्रों द्वारा काफी प्रयास किए जाने के बाद एसईसीएल बिलासपुर से वोकेशनल टे्रनिंग के लिए पत्र आया भी है तो उसमें 20 छात्रों का नाम ही सूची में है। जबकि माइनिंग ब्रांच के अंतिम वर्ष के बैच में लगभग 63 छात्र अध्ययनरत है। ऐसे में यदि 20 छात्रों को वोकेशनल ट्रेनिंग मिल भी जाती है तो बाकी के 43 छात्रों का क्या होगा।


जबकि वोकेशनल ट्रेनिंग सभी के लिए अनिवार्य है। इसके साथ ही जो ट्रेनिंग 1 माह की होनी चाहिए वह सिर्फ 15 दिन देने की बात कही जा रही है। जिसके चलते छात्रों में आक्रोश व्याप्त है।


छात्रों को ये मिला था आश्वासन

1. कॉलेज में सभी सेमेस्टर की पुस्तकें उपलब्ध होंगी जिनका आर्डर हो चुका है।
2. भोपाल से टीम आएगी जो कि एकेडमिक कैलेण्डर के साथ ही अन्य व्यवस्थाएं दुरुस्त करेगी।
3. व्हीएनएस भोपाल में माइनिंग की लैब एवं एसजीएसआईटीएस इंदौर व जेईसी जबलपुर में मैकेनिकल की लैब होगी।
4. लैम्प हैंडलिंग एवं गैस टेस्टिंग की समुचित व्यवस्था पॉलिटेक्निक कालेज अंबिकापुर में होगी।
5. कम्प्यूटर लैब के लिए भेजे जाने वाले थे 30 कम्प्यूटर।
6. स्मार्ट कार्ड, प्रोजेक्टर, इंडस्ट्रियल विजिट, माइन्स विजिट, प्लेसमेन्ट की समुचित व्यवस्था।

स्वयं संघर्ष कर रहे छात्र


वोकेशनल ट्रेनिंग को लेकर कॉलेज प्रबंधन ने चुप्पी साध रखी है, छात्र स्वयं संघर्ष कर रहे हैं। छात्र अधिकारी, विधायक, प्रभारी मंत्री व एसईसीएल बिलासपुर के चक्कर काट रहे हैं। जिससे वोकेशनल ट्रेनिंग का अवसर मिल सके। हालांकि अभी भी छात्रों को सिर्फ आश्वासन ही मिल रहा है सफलता मिलती नजर नहीं आ रही है।