15 दिसंबर 2025,

सोमवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

राशन घोटाला: दो माह बाद भी एफआइआर और कार्रवाई नहीं, कलेक्टर को लिखना पड़ रहा रिमाइंडर

गरीबों का राशन पीडीएस से निकालकर खरीदी केन्द्र में किसानों के नाम से खपा रहे थे व्यापारी

3 min read
Google source verification
Ration scam: Even after two months there is no FIR and no action, the

राशन घोटाला: दो माह बाद भी एफआइआर और कार्रवाई नहीं, कलेक्टर को लिखना पड़ रहा रिमाइंडर


शहडोल. संभाग में खाद्यान्न घोटाले से जुड़े अधिकारियों की ऐसी गठजोड़ है कि कलेक्टर के पत्राचार के बाद भी कार्रवाई अटकी है। कलेक्टर को बार-बार एफआइआर दर्ज करने और कार्रवाई करने रिमाइंडर भेजना पड़ रहा है। मानपुर के अमरपुर और चिल्हारी में राशन घोटाला उजागर होने के बाद कलेक्टर ने दो समिति प्रबंधकों के खिलाफ एफआइआर के निर्देश दिए थे लेकिन राजनीतिक दबाव के चलते दो माह से ज्यादा समय बीतने के बाद भी दोनों समिति प्रबंधकों के खिलाफ पुलिस ने मामला दर्ज नहीं किया है। इसी तरह खाद्य विभाग के अधिकारी की भी संलिप्तता मिलने पर कलेक्टर ने शासन के पास कार्रवाई करने के लिए फाइल भेजी थी लेकिन बड़े अधिकारियों के संरक्षण और राजनीतिक रसूख की वजह से तीनों अधिकारियों पर कार्रवाई करने हिम्मत नहीं जुटा पा रहे हैं।

गरीबों का राशन हेरफेर व्यापारियों तक पहुंचाया
मानपुर के चिल्हारी व अमरपुर खरीदी केन्द्र में गड़बड़ी सामने आई थी। दोनों समिति प्रबंधकों द्वारा पीडीएस व व्यापारियों का अनाज मंगाकर खरीदी केन्द्र में सप्लाई कर दिया गया था। पहले किसानों के नाम से ज्यादा खरीदी बता दी थी। बाद में पीडीएस से हेरफेर कर निकाले अनाज को खरीदी केन्द्र में खपाया जा रहा था। इसमें सीधे व्यापारियों को फायदा पहुंचाना जाता। जांच करने अधिकारियों को हजारों बोरी सरकारी राशन की दुकान और व्यापारियों का खराब गेहूं मिला था। जांच प्रतिवेदन मिलते ही कलेक्टर ने मानपुर के फूड इंस्पेक्टर को जिम्मेदार मानते हुए निलंबित कर दिया था। बाद में मामले में एफआइआर के निर्देश दिए थे। जांच के दौरान उपार्जन से लगभग २२ सौ बोरे कम पाए गए थे। साथ ही कैप में पीडीएस की बोरियों के अलावा व्यापारियों का खराब गेहूं मिला था। जिसे किसानों के नाम से खरीदी कर खपाने की तैयारी थी। इसमें दोनों समिति प्रबंधकों पर भी एफआइआर के लिए कहा था।

एफआइआर और कार्रवाई के लिए रिमाइंडर
मामले में जांच पूरी होने के बाद एफआइआर के लिए पत्र लिखा था। साथ ही खाद्य विभाग के अधिकारी की संलिप्तता मिलने पर कार्रवाई करने शासन को पत्राचार किया था। अभी एफआइआर नहीं हुई है। रिमाइंडर लिखा जा रहा है। जल्द ही कार्रवाई होगी।
संजीव श्रीवास्तव, कलेक्टर उमरिया

इस संबंध में अधिकारियों से बात करता हूं। राशन गड़बड़ी से जुड़े अधिकारियों पर कार्रवाई होगी।
राजीव शर्मा, कमिश्नर शहडोल

जांच अधिकारियों से बात करता हूं। दोषी अधिकारियों के खिलाफ एफआइआर दर्ज होगी।
विकास शहवाल, एसपी उमरियागरीबों का राशन पीडीएस से निकालकर खरीदी केन्द्र में किसानों के नाम से खपा रहे थे व्यापारी
इपीएस
शहडोल. संभाग में खाद्यान्न घोटाले से जुड़े अधिकारियों की ऐसी गठजोड़ है कि कलेक्टर के पत्राचार के बाद भी कार्रवाई अटकी है। कलेक्टर को बार-बार एफआइआर दर्ज करने और कार्रवाई करने रिमाइंडर भेजना पड़ रहा है। मानपुर के अमरपुर और चिल्हारी में राशन घोटाला उजागर होने के बाद कलेक्टर ने दो समिति प्रबंधकों के खिलाफ एफआइआर के निर्देश दिए थे लेकिन राजनीतिक दबाव के चलते दो माह से ज्यादा समय बीतने के बाद भी दोनों समिति प्रबंधकों के खिलाफ पुलिस ने मामला दर्ज नहीं किया है। इसी तरह खाद्य विभाग के अधिकारी की भी संलिप्तता मिलने पर कलेक्टर ने शासन के पास कार्रवाई करने के लिए फाइल भेजी थी लेकिन बड़े अधिकारियों के संरक्षण और राजनीतिक रसूख की वजह से तीनों अधिकारियों पर कार्रवाई करने हिम्मत नहीं जुटा पा रहे हैं।

गरीबों का राशन हेरफेर व्यापारियों तक पहुंचाया
मानपुर के चिल्हारी व अमरपुर खरीदी केन्द्र में गड़बड़ी सामने आई थी। दोनों समिति प्रबंधकों द्वारा पीडीएस व व्यापारियों का अनाज मंगाकर खरीदी केन्द्र में सप्लाई कर दिया गया था। पहले किसानों के नाम से ज्यादा खरीदी बता दी थी। बाद में पीडीएस से हेरफेर कर निकाले अनाज को खरीदी केन्द्र में खपाया जा रहा था। इसमें सीधे व्यापारियों को फायदा पहुंचाना जाता। जांच करने अधिकारियों को हजारों बोरी सरकारी राशन की दुकान और व्यापारियों का खराब गेहूं मिला था। जांच प्रतिवेदन मिलते ही कलेक्टर ने मानपुर के फूड इंस्पेक्टर को जिम्मेदार मानते हुए निलंबित कर दिया था। बाद में मामले में एफआइआर के निर्देश दिए थे। जांच के दौरान उपार्जन से लगभग २२ सौ बोरे कम पाए गए थे। साथ ही कैप में पीडीएस की बोरियों के अलावा व्यापारियों का खराब गेहूं मिला था। जिसे किसानों के नाम से खरीदी कर खपाने की तैयारी थी। इसमें दोनों समिति प्रबंधकों पर भी एफआइआर के लिए कहा था।

एफआइआर और कार्रवाई के लिए रिमाइंडर
मामले में जांच पूरी होने के बाद एफआइआर के लिए पत्र लिखा था। साथ ही खाद्य विभाग के अधिकारी की संलिप्तता मिलने पर कार्रवाई करने शासन को पत्राचार किया था। अभी एफआइआर नहीं हुई है। रिमाइंडर लिखा जा रहा है। जल्द ही कार्रवाई होगी।
संजीव श्रीवास्तव, कलेक्टर उमरिया

इस संबंध में अधिकारियों से बात करता हूं। राशन गड़बड़ी से जुड़े अधिकारियों पर कार्रवाई होगी।
राजीव शर्मा, कमिश्नर शहडोल

जांच अधिकारियों से बात करता हूं। दोषी अधिकारियों के खिलाफ एफआइआर दर्ज होगी।
विकास शहवाल, एसपी उमरिया