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जादू नहीं विज्ञान है के माध्यम से अंधविश्वास दूर करने प्रयास

जिला स्तरीय विज्ञान जागरूकता गतिविधि अंतर्गत कार्यक्रम आयोजित

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Science is not magic, through efforts to remove superstition

Science is not magic, through efforts to remove superstition

शहडोल. जिला स्तरीय विज्ञान जागरूकता गतिविधि अंतर्गत विज्ञान मॉडल प्रतियोगिता, विज्ञान जागरूकता कार्यशाला, जादू नहीं विज्ञान कार्यक्रम आयोजित हुआ। जिला स्तरीय विज्ञान गतिविधियों के अंतर्गत, विज्ञान मॉडल, चार्ट प्रदर्शन तथा जादू नहीं विज्ञान है के माध्यम से अंधविश्वास को दूर करने का प्रयास किया गया।
प्रतियोगिता में प्रथम स्थान उत्कृष्ट विद्यालय के छात्र दीपक बैगा , द्वितीय स्थान शासकीय एमएलबी कन्या उच्चतर माध्यमिक विद्यालय की छात्रा अंजली गुप्ता , तृतीय स्थान शासकीय उ. मा. वि. छतवई की छात्रा अनुष्का बर्मन को प्राप्त हुआ । बुढार ब्लॉक से छात्र अर्पित त्रिपाठी के द्वारा भी उत्कृष्ट प्रदर्शन किया गया।
विज्ञान प्रदर्शनी के अंतर्गत साधना जैन व्याख्याता सहायक विज्ञान अधिकारी के मार्गदर्शन में शास.एमएलबी कन्या उच्चतर माध्यमिक विद्यालय की छात्राओं के द्वारा विभिन्न मॉडल और प्रोजेक्ट प्रदर्शित किए गए प्रियंका सिंह के द्वारा सोलर एनर्जी से संबंधित मॉडल, चंचल सोनी के द्वारा वर्षा चक्र एवं वर्षा जल संग्रहण से संबंधित मॉडल, मुस्कान के द्वारा आंगनबाड़ी केंद्र का मॉडल, पायल नामदेव के द्वारा प्लास्टिक की ईट निर्माण का मॉडल, कपड़े के चार्ट बनाकर भी छात्राओं में प्रदर्शित किए कहकशा के द्वारा रोमान्थी अमाशय का, रूपाली मौर्य के द्वारा ग्लाइकोलाइसिस,श्रुति मांझी के द्वारा ह्रदय की संरचना अंजलि के द्वारा नाइट्रोजन चक्र के चार्ट का प्रदर्शन किया गया। साथ ही शास. उ. मा. वि. छतवई की शिवांशी गौतम ने नमी मापक यंत्र का मॉडल दिखाकर उसके बारे में बताया। अंजली के द्वारा कोरे कागज पर पानी छिड़क का दिखाया कि उस पर बिना लिखे ही स्वागतम लिखकर आ गया। इसके पीछे का वैज्ञानिक कारण यह है की कागज के ऊपर पहले से ही फिनाफ्थलीन से लिखकर सुखा दिया गया था। जब उस पर सोडियम हाइड्रोक्साइड का घोल डाला गया तो दोनों की क्रिया के बाद गुलाबी रंग का यौगिक बना और जिस से कागज पर स्वागतम लिखा हुआ दिखने लगा।
इसी तरह हवन कुंड में आग उत्पन्न करते समय तांत्रिक पोटेशियम परमैंगनेट की पुडिय़ा हवन कुंड में डाल देते हैं और उसके ऊपर घी डालने का ढोंग करते हैं जबकि वह ग्लिसरीन होती है पोटेशियम परमैंगनेट और ग्लिसरीन की क्रिया से ऊष्मा उत्पन्न होती है जो हवन कुंड की सूखी लकड़ी और कागज में आग उत्पन्न कर देती है इस तरह बिना माचिस का उपयोग किए आग लग जाती है। दीपक बैगा के द्वारा नारियल में मंत्र से उपचारित जल डालकर आग लगा कर दिखाया गया। कार्यक्रम में साधना जैन व्याख्याता शासकीय एमएलबी कन्या उच्चतर माध्यमिक विद्यालय, डॉ. निधि शुक्ला शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय छतवई , अखिलेश पांडे, ममता पटेल, अलका लाल, शासकीय उत्कृष्ट उच्चतर माध्यमिक विद्यालय रघुराज क्रमांक 2, अमिता तिवारी शासकीय उत्कृष्ट उच्चतर माध्यमिक विद्यालय बुढार से लोग उपस्थित रहे।