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600-800 रू. में 15 मिनट में बन रहा बर्थ सर्टिफिकेट, BMO की सील साइन भी खुद लगा रहे

Sting Operation: पत्रिका के स्टिंग ऑपरेशन में आधार अपडेशन व जन्म प्रमाण पत्र बनाने के नाम पर खुलेआम हो रहे फर्जीवाड़े का खुलासा...।

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Sting Operation: मध्यप्रदेश के शहडोल जिले में शहर व ग्रामीण क्षेत्रों में आधार केन्द्र में इन दिनों फर्जी जन्म प्रमाण पत्र बनाने का खेल चल रहा है। ग्रामीण क्षेत्र से आए ग्रामीण व आदिवासियों को आधार केन्द्र संचालक आधार कार्ड अपडेशन के नाम पर तरह-तरह के बहाने बताकर मोटी रकम वसूल रहे हैं। 600 से 800 रुपए लेकर 15 मिनट में जन्म प्रमाण तैयार कर दिया जाता है। गलत तरीके से जन्म प्रमाण पत्र बनाने के लिए पूरा सिस्टम तैयार कर रखा है। संबंधित सरकारी अस्पतालों की सील लगाने से लेकर डॉक्टर के हस्ताक्षर तक इन लोगों के द्वारा किए जा रहे हैं। पत्रिका टीम ने इस फर्जीवाड़े को अपने कैमरे में कैद किया है।

देखें वीडियो-

स्टिंग: 1- 15 मिनट में बना दिया जन्म प्रमाण

पत्रिका टीम ने गांधी स्टेडियम के सामने बालक छात्रावास में संचालित आधार केन्द्र पहुंची, यहां पुष्पराजगढ़ के खरसोल से उमेश सिंह पत्नी जयमंति सिंह के साथ आधार अपडेट कराने आया हुआ था। केन्द्र संचालक ने उमेश के आधार कार्ड में जन्मतिथि अपडेट करने के लिए जन्म प्रमाण पत्र की मांग की। जब उमेश ने बर्थ सर्टिफिकेट न होने और कोई रास्ता बताने के लिए कहा तो 600 रूपए की डिमांड की गी और फिर आधार केन्द्र संचालक ने तुरंत ही महज 15 मिनट में उमेश का जन्म बनाकर आधार अपडेट कर दिया। प्रमाण देने से पहले उसने उमेश से 600 रुपए नकद ले लिए।

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स्टिंग: 2- जन्म प्रमाण पत्र के लिए 600 रूपए मांगे

शहडोल में रहने वाला पढ़सा बैगा अपनी पत्नी के साथ स्टेडियम आधार कार्ड सेंटर पहुंचा था। केन्द्र संचालक ने उससे आधार कार्ड में जन्मतिथि अपडेट करने के लिए जन्म प्रमाण पत्र की मांग की और फिर 600 रूपए की मांग की। पढ़सा बैगा मतदाता सूची दिखाता रहा और अपडेशन की बात कहता रहा लेकिन कर्मचारी ने मना कर दिया। जब पत्रिका की टीम ने हस्तक्षेप किया तब कहीं जाकर केन्द्र संचालक ने पढ़सा बैगा की पत्नी का आधार अपडेट किया।

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खुद कर रहे बीएमओ के साइन, लगा रहे फर्जी सील

पत्रिका के स्टिंग ऑपरेशन के दौरान पता चला कि आधार केन्द्र संचालक ने गोहपारू बीमओ का फर्जी सील व हस्ताक्षर का अपडेट फार्म भरा और कम्प्यूटर से स्कैन कर आधार अपडेट कर दिया। हालांकि फार्म में किए गए फर्जी सील और हस्ताक्षर की दूसरी प्रति हितग्राही को नहीं दी गई। इसके एवज में भी पैसा लिया गया। इस प्रकार आधार केन्द्र में अन्य कई ग्राहकों के किए जा रहे आधार से संबंधित कार्य के लिए निर्धारित शुल्क से अधिक रकम अलग-अलग सरकारी अस्पतालों की सील मारकर हस्ताक्षर किया जा रहा था।

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ये बोले जिम्मेदार..

  • मुझे गोहपारू छोड़े डेढ़ वर्ष हो गए हैं, मैने अपनी जानकारी में किसी को अपना सील नहीं दिया है। अगर किसी आधार सेंटर में मेरे सील व हस्ताक्षर का इस्तेमाल किया जा रहा है तो मै एफआइआर दर्ज कराऊंगा। ( डॉ. आरके शुक्ला, पूर्व बीएमओ गोहपारू)
  • आधार केन्द्र से जन्म प्रमाण पत्र नहीं बनाया जाता है, जहां बन रहा वह गलत है, किसी भी डॉक्टर का सील व हस्ताक्षर करना कानूनी रूप से गलत है, इसकी जांच कराकर कार्रवाई की जाएगी। ( डॉ. राजेश मिश्रा, सीएमएचओ)
  • आधार केन्द्रों की मॉनीटरिंग करने का कार्य पुलिस के पास नहीं है, अभी तक किसी ने इसकी शिकायत भी नहीं की है। विभाग ने भी इस संबंध में कोई शिकायत नहीं की है। शिकायत आएगी तो निश्चित ही कार्रवाई की जाएगी। (रामजी श्रीवास्तव, पुलिस अधीक्षक शहडोल)यह भी पढ़ें- एमपी में किले के पास खुदाई में मिला खजाना