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सोहागपुर गढ़ी से शुरू हुई थी प्रथम पूज्य की स्थापना, यहीं स्थापित होती है नगर में सबसे ज्यादा प्रतिमाएं

गणेश चतुर्थी विशेष: राजाबाग के समीप है भगवान गणपति का भव्य मंदिर, सामने स्थापित है प्राचीन बावली

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सोहागपुर गढ़ी से शुरू हुई थी प्रथम पूज्य की स्थापना, यहीं स्थापित होती है नगर में सबसे ज्यादा प्रतिमाएं

सोहागपुर गढ़ी से शुरू हुई थी प्रथम पूज्य की स्थापना, यहीं स्थापित होती है नगर में सबसे ज्यादा प्रतिमाएं


शहडोल. प्रथम पूज्य विघ्नहर्ता श्रीगणेश की बुधवार को नगर के अलग-अलग स्थानो पर पंडालों के साथ ही घर-घर बिराजेंगे। जिसके लिए श्रद्धालुओं ने सभी तैयारियां पूरी कर ली है। जानकारों की माने तो नगर में भगवान गणपति की प्रतिमा स्थापना की यह पंरपरा सोहागपुर गढ़ी से प्रारंभ हुई थी। अभी भी नगर में सबसे ज्यादा गणेश प्रतिमाएं सोहागपुर में ही स्थापित होती है। इसके अलावा राजा बाग के समीप ही भगवान गणपति का भव्य मंदिर भी है। जिसका निर्माण लगभग 60-70 वर्ष पूर्व हुआ था। मंदिर परिसर में ही प्राचीन बावली भी है। जिसके चारो तरफ बड़े-बड़े पत्थर लगे हुए हैं और नीचे जाने वाली सीढिय़ां भी पत्थर की ही हैं जो बावली की प्राचीनता को दर्शाते हैं। राजाबाग के समीप स्थित मंदिर में भगवान गणपति की बचपन से पूजा अर्चना करने वाले सोहागपुर निवासी बलराम प्रसाद शुक्ला बताते हैं कि लगभग 60-65 वर्ष पूर्व राजस्वरूप गुप्ता ने मंदिर का निर्माण कराया था। वह कक्षा 6वीं में थे तब से मंदिर में पूजा करने जाते थे। उन्होने बताया कि सोहागपुर में कई दशकों से भगवान गणपति की प्रतिमा स्थापित करने की परंपरा चली आ रही है। सोहागपुर में सबसे ज्यादा प्रतिमाएं भगवान गणपति की स्थापित की जाती हैं। श्रद्धालु बड़े ही श्रद्धाभाव के साथ भगवान गणपति की पूजा अर्चना करते हैं।
अद्भुत हैं दक्षिणमुखी गणेश
नगर के ही बाणगंगा मेला मैदान के समीप भगवान गणपति का भव्य मंदिर बना हुआ है। जिसमें दक्षिणमुखी भगवान गणेश की प्रतिमा स्थापित है। यह प्रतिमा कल्चुरी कालीन बताई जा रही है। दक्षिणमुखी होने की वजह से भगवान गणपति की यह प्रतिमा अत्यंत शुभकारी मानी जाती है। प्रथम पूज्य विघ्नहर्ता की गणेश के दर्शन के लिए यहां सुबह से ही भक्तों की भीड़ लगती है।
यहां भी है भगवान गणपति की भव्य प्रतिमाएं
नगर के बुढ़ार चौक में भगवान गणेश की अति प्राचीन प्रतिमा स्थापित है। इसके साथ ही कलेक्ट्रेट परिसर में भगवान गणपति की अष्टभुजी प्रतिमा स्थापित है। जानकारों की माने तो यह प्रतिमा कल्चुरी कालीन है। पूर्व में यह एक पत्थर के ऊपर स्थापित थी अब यहां भव्य मंदिर बन गया है। इनके अलावा जिला मुख्यालय से लगे ग्रात सिंहपुर स्थित माता के मंदिर में नृत्य गणेश की प्रतिमा स्थापित है। यह गणेश प्रतिमा भी कल्चुरी कालीन बताई जा रही है।
घर-घर बिराजेंगे बिघ्नहर्ता
बुधवार को विधि विधान के साथ पूजा-अर्चना कर विघ्नहर्ता श्रीगणेश की प्रतिमा स्थापित की जाएगी। इसके लिए तैयारियां पूरी कर ली गई है। लोगो ने प्रथम पूज्य को अपने घर लाने के लिए उत्साहित देखे गए। घरों के लिए जहां लोग छोटी-छोटी गणपति की प्रतिमा अपने घर लेकर गए हैं वहीं पंडालो में भव्य प्रतिमाएं स्थापित होंगी। बुधवार को विधि विधान के साथ पूजा अर्चना कर भक्त भगवान की ्रप्रतिमा स्थापित कर 10 दिनों तक उनकी पूजा अर्चना कर मंगल कामना करेंगे।