
The Mystery of a Tiger is not resolved yet second tiger
शहडोल. शहर के कल्याणपुर में हाल ही में बाघ के मौत मामले की मिस्ट्री अभी सुलझी नहीं थी कि शिकारियों ने घुनघुटी रेंज में बांधवगढ़ के बाघ का शिकार करके वन विभाग की सुरक्षा की कलई खोल दी। वारदात रविवार की रात घुनघुटी रेंज अंतर्गत धोरई बीट के घघडार जंगल की है। वन विभाग के अधिकारियों की मानें तो संभवत शिकारियों ने करंट लगाकर बाघ का शिकार किया है। जानकारी के अनुसार रविवार की शाम को मवेशियों को चराने गई एक महिला ने घघडार के जंगल में बाघ का शव देखा, जिसकी सूचना वन विभाग के अधिकारियों को दी। सूचना मिलते ही आला अधिकारी और डॉग स्क्वाड की टीम मौके पर पहुंच गई।
टीम देर रात तक शिकारियों की पतासाजी करते हुए साक्ष्य जुटाने का प्रयास करती रही लेकिन टीम के हाथ कोई सुराग नहीं लगा। वन विभाग के अधिकारियों ने मृत बाघ की उम्र चार साल आंकी है। शिकारियों ने तमाम सुरक्षा के बीच घुनघुटी रेंज में बाघ के शिकार की वारदात को अंजाम देकर दावों की पोल खोल कर रख दी है। वारदात के बाद आला अधिकारियों ने मामले को छिपाने का भी काफी प्रयास किया। घटनास्थल और आसपास के क्षेत्रों को पूरी तरह प्रतिबंधित कर दिया था और मीडिया से भी दूरी बनाकर रखी थी। बांधवगढ़ नेशनल पार्क के डॉ. नितिन गुप्ता, घुनघुटी रेंज के डॉ. जीएस पेन्द्रो एवं पाली के डॉ. डीपी द्विवेदी द्वारा बाघ का पोस्ट मार्टम किया गया। पीएम के उपरांत लगभग साढ़े तीन बजे पर बाघ का अंतिम संस्कार किया गया।
बाघ के दोनों पैरों में गंभीर चोट के निशान मिले हैं। इसके अलावा मुंह में भी चोट मिली है। वन विभाग के अधिकारियों के अधिकारियों का कहना है कि संभवत करंट की चपेट में आने से बाघ के पैरों में चोट के निशान हैं। बाघ के मुंह में चोट के निशान के पीछे अधिकारी तर्क दे रहे हैं कि संभवत गिरने की वजह खून निकला है। सूत्रों की मानें तो बाघ की मौत के बाद शिकारियों से शव से छेड़छाड़ का प्रयास भी किया। हालांकि भनक लगते ही शिकारी भाग निकले। मवेशियों को चराने गई महिला बाघ शव नहीं देख पाती तो संभवत अधिकारियों को इनकी भनक भी नहीं लगती।
डॉग स्क्वॉड व टीम पहुंची, मिले सुराग
शिकार की वारदात के बाद डॉग स्क्वॉड और एक्सपर्ट की टीम पहुंच गई। एसडीएफ ने भी पहुंचकर पड़ताल करते हुए रिपोर्ट तैयार की। संजय नेशनल पार्क और पन्ना से डॉग स्क्वाड पहुंचा। बाघ के शव से कुछ दूरी में तार और कुछ साक्ष्य मिले हैं। जिसे अधिकारी शिकार से जोड़कर देख रहे हैं।
बीटों में चौकसी नहीं, 29 को मिली थी लोकेशन
बांधवगढ़ से घुनघुटी जंगल सटा होने के बाद भी बीटों पर चौकसी को लेकर वन विभाग पूरी तरह गैर जिम्मेदार है। अधिकारियों का कहना है कि बाघ की अंतिम लोकेशन २९ नवंबर को जमुड़ी क्षेत्र में मिली थी। बीट पर गंभीरता से चौकसी होती तो शिकार अपना नेटवर्क नहीं फैला पाते। आश्चर्य की बात तो यह है कि बाघ के शिकारियों का घुनघुटी में मूवमेंट था और शाम के वक्त शिकार की वारदात को अंजाम दिया। इसके बाद भी अधिकारियों को इसकी भनक नहीं लगी।
बाघ के शव से गायब थे दांत
वारदात के बाद बाघ के दांत गायब थे और मुंह के भीतर भी चोट के निशान थे। वन विभाग के अधिकारियों ने दलील दी है कि शिकार के बाद बाघ मुंह के बल गिरा है। जिसकी वजह से मुंह में चोट आई है। अधिकारियों ने भी माना है कि घटना के वक्त बाघ के मुंह में दांत नहीं थे। हालांकि अधिकारियों ने सफाई दी है कि बाघ के जबड़े में दांत घुस गए थे, जो जांच के वक्त पाए गए हैं।
8 दिन पहले तेंदुए का भी शिकार
बांधवगढ़ के अलावा शहडोल और आसपास के जंगलों में लगातार शिकारियों का मूवमेंट है लेकिन वन विभाग पूरी तरह गैर जिम्मेदार बना है। हाल ही में 28 नवंबर को शिकारियों को जयसिंहनगर क्षेत्र में गोली मारकर शिकार किया था। गोहपारू टीम ने शिकारियों को पकड़ लिया है।
इनका कहना है
बिरसिंहपुर पाली के वन विभाग एसडीओ राहुल मिश्रा के मुताबिक घुनघुटी के घघडार जंगल में रविवार को एक महिला ने बाघ का शव देखकर सूचना दी। बाघ का शिकार किया गया है। हालांकि अब तक शिकार के तरीके नहीं पता चल सके हैं। डॉक्टरों की टीम ने पीएम किया है। पीएम रिपोर्ट के बाद ही मौत के कारणों की पुष्टि हो सकेगी। बाघ के शव में चोट के निशान मिले हैं। दांत पहले नहीं थे, बाद में जबड़े में फंसे मिले हैं। आसपास क्षेत्रों में सर्चिग बढ़ा दी है, जल्द सुराग मिलेगा।

Published on:
05 Dec 2017 11:31 am
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