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त्रिशरण पंचशील का पाठ और 22 प्रतिज्ञा के बाद शुरू होती है इनकी दिनचर्या, देखे वीडियो

आंबेडकर महापरिनिर्वाण दिवस पर विशेष-बुद्धिस्ट समाज के हर घर में प्रतिदिन पूजे जाते हैं डॉक्टर भीमराव आंबेडकर

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त्रिशरण पंचशील का पाठ और 22 प्रतिज्ञा के बाद शुरू होती है इनकी दिनचर्या, देखे वीडियो

त्रिशरण पंचशील का पाठ और 22 प्रतिज्ञा के बाद शुरू होती है इनकी दिनचर्या, देखे वीडियो

शहडोल. संभागीय मुख्यालय में रहने वाले बुद्धिस्ट समाज के हर घर में बाबा साहेब डाक्टर भीमराव आंबेडकर को देवताओं की तरह पूजा जाता है। परिवार के लोग प्रतिदिन बाबा साहेब की पूजा कर त्रिशरण पंचशील और 22 प्रतिज्ञा का पाठ करते हैं। समाज के लोगों का मानना है कि बाबा साहेब ने हर समाज से अवगत होने के बाद बौद्ध धर्म की दीक्षा ली थी और त्रिशरण पंचशील और 22 प्रतिज्ञा का पाठ किया था। उसके बाद से बुद्धिस्ट समाज उनके दिखाए मार्ग पर प्रतिदिन अनुसरण करता है। गौरतलब है कि संभागीय मुख्यालय में बुद्धिस्ट समाज की करीब 30-35 परिवार रहते हैं। इन्होंने रेलवे कॉलोनी में बाबा साहेब डॉक्टर भीमराव अंबेडकर का मंदिर भी बना रखा है। जहां गौतम बुद्ध की प्रतिमा के साथ डॉक्टर भीमराव अंबेडकर की प्रतिमा भी स्थापित कर रखी है और प्रतिदिन शाम को सभी लोग एकत्रित होते हैं और गौतम बुद्ध बाबा साहेब की वंदना करते हैं।

हर घर के दरवाजे पर रहती है बुध और बाबा साहेब की तस्वीर

बुद्धिस्ट समाज के लोग अपने-अपने घरों में भगवान गौतम बुद्ध और बाबासाहेब की तस्वीर को ऐसे स्थान पर लगाते हैं जहां पर हर किसी की नजर पड़ती है और घर आने वाले हर व्यक्ति को भी उनकी तस्वीर नज़र आती है।

क्या है त्रिशरण पंचशील

बुद्धिस्ट समाज के लोग प्रतिदिन त्रिशरण पंचशील और 22 प्रतिज्ञा का पाठ करते हैं। त्रिशरण में पहला बुद्ध की शरण, दूसरा धम्मा की शरण और तीसरा संघ की शरण में जाना है। पंचशील में पहला हिंसा नहीं करना दूसरा चोरी नहीं करना तीसरा कामवासना व अनाचार से अलिप्त रहना चौथा झूठ नहीं बोलना और पांचवा नशा से दूर रहना है।

बुद्धिस्ट समाज के प्रभाकर लोखंडे ने बताया कि वह अपने पत्नी हीरा लोखंडे और पुत्र पवन लोखंडे व पुत्री पल्लवी लोखंडे के साथ प्रतिदिन बाबा साहेब की तस्वीर के समक्ष मोमबत्ती या अगरबत्ती लगाकर पंचशील 30 रन और प्रतिज्ञा का पाठ करते हैं।