
Today first Arghya Know the auspicious time method of worship
शहडोल- छठ पूजन को लेकर शहडोल शहर के भक्तों में भी खासा उत्साह देखने को मिल रहा है। और इसके लिए यहां के भक्तों ने खास तैयारी भी कर रखी है। सूर्योपासना का महापर्व सूर्याषष्ठी व्रत मंगलवार से शुरू हो गया है। व्रती महिलाओं ने कार्तिक शुक्ल पक्ष चतुर्थी को नहाय-खय के साथ व्रत की शुरुआत की। इस दौरान व्रत धारी महिलाओं ने नदी तालाब में जाकर स्नान किया। रात को कद्दू चावल का सेवन किया। बुधवार को व्रत के दूसरे चरण में खरना मनाया गया। इसके साथ छठ पर्व पर बाजार में खरीददारी को लेकर चहल-पहल बनी रही।
उपवास के प्रथम दिन की पंचमी को खरना कहा जाता है। पंचमी को महिलाओं ने दिन में व्रत रखा। शाम को सवच्छ, धुले चौके में नये चौक को स्थापित कर पूजन किया। संस्कृत महाविद्यालय के प्रचार्य ने बताया कि मान्यता है कि प्रथम स्वयभ्भू मनु के पुत्र राजा प्रियवत निसंतान थे। उन्होंने ने महर्षि कश्यप के परामर्श से पुत्र प्राप्ति के लिए पुत्रेष्ठि यज्ञ किया। उसी समय से छठ माता के पूजन का विधान चला आ रहा है।
अर्घ्य का शुभ मुहूर्त
शाम का अर्घ्य- 26 अक्टूबर (गुरुवार)
अर्घ्य का समय :- शाम 05:40 बजे से शुरू
सुबह का अर्घ्य: 27 अक्टूबर (शुक्रवार)
अर्घ्य का समय: सुबह 6.28 बजे से शुरू
पूजा की विधि
अर्घ्य देने के लिए बांस के सूप में सभी प्रकार के फल रखकर उसे पीले कपड़े से ढ़क दें और डूबते सूरज को तीन बार अर्घ्य दें।
आज होंगे सास्कृतिक कार्यक्रम
छठ पूजा आयोजन के संरक्षक प्रवीण शर्मा और अध्यक्ष रविन्द्र शर्मा ने बताया है कि बुधवार छोटी छठ को खरना मनाया गया है। 26 आक्टूबर को सूर्य को पहला अघ्र्य देने के साथ विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा है। जिसमें शहर के पांच हजार से अधिक लोग शामिल होंगे। 27 अक्टूबर को दूसरा अघ्र्य के बाद विसर्जन कार्यक्रम होगा। इसमें प्रोम्पी सिंह, केके मिश्रा, रवि शाह, जीके प्रसाद,
उदय कुमार, अनिल यादव, संतोष राय आदि सहयोग प्रदान कर रहे हैं।
Published on:
26 Oct 2017 01:13 pm
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