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अजब एमपी की गजब तस्वीर : जान जोखिम में डालकर इस तरह नदी पार करते हैं 50 गांवों के लोग

सोन नदी पर पुल न होने के चलते आजादी के बाद से अबतक यहां के लोग जान जोखिम में डालकर नदी की तेज धार के बीच नदी पार करते हैं।

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son river bridge

अजब एमपी की गजब तस्वीर : जान जोखिम में डालकर इस तरह नदी पार करते हैं 50 गांवों के लोग

मध्य प्रदेश के शहडोल जिले के आखिरी छोर पर स्थित ब्यौहारी के विजयासोता में हैरान कर देने वाला मंजर देखने को मिला। दरअसल, यहां स्थित सोन नदी पर पुल न होने के चलते आजादी के बाद से अबतक यहां के लोग जान जोखिम में डालकर नदी की तेज धार के बीच नदी पार करते हैं। नाव में नदी पार करते समय खतरा और बढ़ जाता है, क्योंकि इसमें लोग अपनी बाइकें और साइकलें भी रखकर दूसरे पार जाते हैं। बताया जा रहा है कि, 112 करोड़ की लागत से नदी पर पुल निर्माण की स्वीकृति हो चुकी है, बावजूद इसके प्रशासनिक उदासीनता के चलते पुल निर्माण की राह नहीं खुल रही है।


आपको बता दें कि, जिले के अंतर्गत आने वाले ब्यौहारी के ग्राम विजयासोता में करीब डेढ़ किलोमीटर लंबी सोन नदी पार करने के लिए कोई पुल नहीं है। इससे नदी के इस पार के लगभग 80 से अधिक ग्रामीण और ऐसे ही उस पार से 60 से अधिक गांव के लोग को रोजाना जान जोखिम में डालकर नाव में सवार होकर नदी पार करते हैं। इस दौरान अकसर लोग नाव में अपने साथ बाइक और साइकल भी रखते हैं, ताकि दूसरी तरफ जाकर अपने कार्यों को आसानी से कर सकें। इलाज कराने जैसे अन्य महत्वपूर्ण कामों के लिए भी नदी पार करके लोगों को ब्यौहारी ही आना पड़ता है। ऐसा ही इस पार के करीब 50 गांवों के लोगों को उस पर जाने के लिए जान जोखिम में डालकर नदी पार करना पड़ता है।

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स्थानीय लोगों की मांग

हालांकि, लंबे इंतजार के बाद 112 करोड़ की लागत से बनने वाले पुल की स्वीकृति तो मिल गई, लेकिन प्रशासनिक लचर व्यवस्था और गुणवत्ताहीन पुल निर्माण के चलते पुल निर्माण कार्य नहीं हो पा रहा है। इससे आज भी ग्रामीण रोजाना जान जोखिम में डालकर नाव के सहारे नदी पार करने को मजबूर हैं। स्थीनय लोगों का कहना है कि, अगर लोगों को पुल की सुविधा मिल जाए तो ब्यौहारी वासियों को जबलपुर और कटनी समेत प्रदेश के बड़े भू-भाग पर आना-जाना आसान हो जाएगा। लोगों को जबलपुर-कटनी के लिए कम समय की दूरी तय करना पड़ेगा। इससे इनका व्यापार भी बढ़ेगा।