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मध्य प्रदेश के इस जिले में कमजोर बारिश, अभी भी प्यासे हैं यहां के जलाशय

जिले के 84 बांधों में पिछले वर्ष की तुलना में कम जलस्तर

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Weak rains in this district of Madhya Pradesh, the reservoirs here are still thirsty

Weak rains in this district of Madhya Pradesh, the reservoirs here are still thirsty

शहडोल. जिले में इस बार भीषण गर्मी ने जलाशयों के पानी का लेवल कम कर दिया है। जिले के छोटे व बड़े कुल 84 बांधों में जलभराव कम होने के कारण किसानों को पानी देने मेंं मुश्किल हो रही है। अब इन जलाशयों को बेहतर बारिश का इंतजार है। बीते वर्ष की अपेक्षा जलाशयों में जलभराव 10 फीसदी से कम है। जलाशयों के कैचमेंट एरिया में समय पर बेहतर बारिश नहीं हुई तो आगे दिक्कत और भी बढ़ सकती है। जलाशयों में जलभराव कम होने की सबसे बड़ी वजह मार्च से अब तक पड़ रही भीषण गर्मी को बताया जा रहा है। जिसके कारण बांध पर्याप्त पानी देने की स्थिति में नहीं हैं। बारिश की मौजूदा स्थिति को देखते हुए किसानों की चिंता बढ़ गई है। जलसंसाधन विभाग के अफसरों ने बताया कि जलाशयों के तेजी से भराव के लिए कैचमेंट एरिया में बेहतर बारिश जरूरी है। बारिश में कई बार ऐसी स्थिति बनी है कि कैचमेंट एरिया में उम्मीद के मुताबिक बारिश नहीं होती। इससे जलभराव कम हो जाता है। बांधों में क्षमता से कम पानी होने के कारण विभाग किसानों को पानी देने की स्थिति मेंं नहीं है। जिससे किसानों को भी नुकसान हो सकता है।
84 बांधों में क्षमता से कम जल स्तर
जिले में छोटे बड़े कुल 84 बांध बनाए गए हैं। जिसमें शहडोल डिवीजन नंबर एक 32 जलाशय, सबडिवीजन नंबर तीन कें अंतर्गत 21 जलाशय, जयसिंहनगर 20 जलाशय व ब्योहारी में 11 जलाशय हंै। जलाशयों में पानी का लेवल क्षमता से कम बताया जा रहा है। जिसके कारण विभाग किसानों को पानी देने के लिए सहमति नहीं दे रहा है। वहीं पर्याप्त पानी न मिलने से किसानों को खेती करने में दिक्कत आ रही है। बीते वर्ष की अपेक्षा इस वर्ष 10 प्रतिशत बारिश कम होने से ऐसी स्थिति निर्मित हो रही है। यदि तेज बारिश नहीं हुई तो बांध खाली रह जाएंगे।
इनका कहना है
पिछले वर्ष की तुलना में इस वर्ष 10 प्रतिशत बारिश कम हुई है जिससे जलाशयों में पानी क्षमता से कम है। खेती के लिए किसानों को पानी अभी नहीं दिया जा रहा है।
प्रतीक खरे, कार्यपालन यंत्री जल संसाधन विभाग, शहडोल