
मध्य प्रदेश के इस जिले में घर-घर पानी पहुंचाने 314 प्रोजेक्ट में होना था काम, 90 फीसदी काम अभी भी अधूरे
शहडोल. जिले में नल-जल योजना का लाभ ग्रामीणों को नहीं मिल पा रहा। अधिकांश जगहों पर कार्य अधूरे पड़े हैं। सिर्फ कागजों में प्रगति दिखा रही है जबकि हकीकत में ग्रामीण इलाको में लोग पेयजल के लिए आज भी परेशान है। नल-जल योजना की फर्जी आंकड़े तैयार कर विभागीय अधिकारी मुख्यमंत्री को गुमराह कर चुके हंै। जिसको लेकर सीएम ने जमकर फटकार लगाई थी। विभागीय जानकारी के अनुसार जब से योजना की शुरूआत हुई तब से अभी तक 314 प्रोजेक्टों को स्वीकृत किया गया है। लेकिन वर्ष 2020-21 से 2021-22 तक विभाग ने सिर्फ 37 प्रोजेक्ट को तैयार कर पेयजल की सप्लाई देने का दावा कर रहा है। वहीं 277 प्रोजेक्ट आज भी अधर पर लटके हुए है। विभाग की कमजोर मॉनिटरिंग के कारण ठेका कंपनी काम को गति नहीं दे पा रही है। जिसके कारण ग्रामीण इलाकों में दिनों दिन पेयजल की समस्या बढ़ती जा रही है। जलजीवन मिशन के तहत 146 रेट्रोफिटिंग के कार्य कराए जाने थे लेकिन बीते दो वर्षों से अधिक समय बीत जाने के बाद अब तक कुल 36 कार्य पूर्ण हो पाए हैं। वहीं नवीन प्रोजेक्ट 168 स्वीकृत किए गए थे। आर्दश ग्राम केलमनिया में एक प्रोजेक्ट को पूर्ण रूप से तैयार कर पानी की सप्लाई शुरू की गई। शेष 167 प्रोजक्ट आज भी अधूरे पड़े है वहीं कुछ ग्रमीण इलाकों में अभी तक कार्य भी शुरू नहीं किया गया।
ठेका कंपनी व विभाग की लापरवाही
अधिकांश ग्रामीण इलाकों में नलजल योजना के तहत बनाई गई पानी की टंकी को मापदंड के अनुसार नहीं बनाए जाने पर पानी की सप्लाई शुरू नहीं की जा सकी है। ग्रामणी क्षेत्रों मे पेयजल पाइप लाइन के विस्तारण में भी कमियां देखने को मिल रही है। कुछ गांव तो ऐसे हैं जहां पानी की टंकी बनाकर घरों के सामने नल लगा दिया गया लेकिन आज भी पानी की सप्लाई शुरू नहीं की जा सकी। ग्रामीण यांत्रकी सेवा के अधिकारी व एसडीओ की कमजोर मॉनिटरिंग के कारण ठेका कंपनी मनमाने तरीके से काम कर रही है। ठेकेदार प्रोजेक्ट को समय सीमा पर तैयार करने में उदासीन रैवया अपना रहे हैं।
केस 01
जनपद सोहागपुर अंतर्गत धनपुरा में बीते एक वर्ष से टंकी व पाइप लाइन बिछाकर छोड़ दिया गया है पानी की सप्लाई शुरू नहीं की गई। जिसके ग्रामीणों को शुद्ध पेयजल नहीं मिल पा रहा है। ग्रामीणों ने बताया कि बीते दो वर्षो से कार्य चल रहा जो आज भी पूरा नहीं हो सका। जिसके चलते ग्रामीणों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। दूर दराज से पीने का पानी लाना पड़ रहा है।
केस 02
कल्याणपुर के इंद्राबस्ती व कोईलारी में जलजीवन मिशन के तहत छह महीने पहले बोर किया गया था। जहां आज भी कार्य शुरू नहीं किया गया है। ग्रामणों के द्वारा कई बार विभाग में पेयजल की समस्या को लेकर शिकायत भी की गई लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गई। बस्ती के बीच खुले में बोर कर छोड़ दिया गया है। जिससे ग्रामीणों को हर वक्त हादसे का डर बना रहता है।
केस 03
मुख्यालय से महज सात किलो मीटर की दूरी पर ग्राम पंचायत चांपा ककरहाई में पेयजल के लिए बिछाई गई पाइप लाइन को ठेका कंपनी ने अंडर ग्राउंड नहीं किया है। ओपन होने के कारण अधिकांश जगह से पाइप फट गई है जिसके कारण पानी की सप्लाई बंद है। विभागीय जिम्मेदार ने कार्य की गुणवत्ता को नहीं देखा जिसके कारण मनमाने तौर पर ठेकेदार ने कार्य किया है।
केस 04
मिठौरी के ग्रामीणों ने बताया कि 2019 में पानी की टंकी बनाकर घरों तक नल कनेक्शन पहुंचाया गया है। लेकिन यहां के ग्रामीणों को नवनिर्मित पानी की सप्लाई से सिर्फ एक महीने ही पानी उपलब्ध हो सका इसके बाद मोटर जल जाने के कारण दोबारा सुधार कार्य नहीं कराया गया। जिसके कारण गांव में आज भी पेयजल की समस्या बनी है।
इनका कहना है
नलजल की समीक्षा निरंतर की जा रही है। ठेकेदारों के द्वारा प्रोजेक्ट तैयार करने में लापरवाही बरती जा रही है। कुछ को नोटिस जारी किया गया है।
वंदना वैद्य, कलेक्टर शहडोल
Published on:
28 Nov 2022 01:21 pm
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