
Worship of Amla tree on Akshaya Navami
शहडोल- अक्षय नवमी के अवसर पर रविवार को नगर के प्रमुख धार्मिक स्थलो पर आंवले के पेड़ की पूजा की गई। इसके साथ ही जगह-जगह धार्मिक कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। वहीं कुछ लोग इस अवसर पर पिकनिक मनाने से भी नही चूके और पिकनिक स्पॉट पहुंचकर आंवले के पेढ़ के नीचे पूरा दिन बिताया। जानकारों की मानें तो कार्तिक माह की शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को अक्षय नवमी मनाई जाती है। ऐसी मान्यता है कि इस दिन आंवले के पेड़ के नीचे बैठने और खाना खाने से कष्ट दूर हो जाते हैं।
अक्षय नवमी का शास्त्रों में वही महत्व बताया गया है जो बैशाख मास की तृतीया का है। शास्त्रों के अनुसार अक्षय नवमी के दिन किया गया पुण्य कभी समाप्त नहीं होता है। इस दिन जो भी शुभ कार्य जैसे दान, पूजा, भक्ति, सेवा किया जाता है उनका पुण्य कई-कई जन्म तक प्राप्त होता है। अक्षय नवमी के अवसर पर रविवार को महिलाओं द्वारा आंवले के पेड़ की विधि विधान से पूजा की गई। ऐसी मान्यता है कि अक्षय नवमी के दिन आंवले के वृक्ष में भगवान विष्णु एवं शिव जी का निवास होता है। इसी मान्यता के अनुसार सुबह से ही लोगो ने आंवले के पेड़ के नीचे साफ-सफाई कर आंवले के वृक्ष की पूजा दूध, फूल एवं धूप से की। आंवले के वृक्ष की पूजा करने से मनवांछित फल की प्राप्ति होती है।
अक्षय नवमी के अवसर पर जहां धार्मिक स्थलो पर सुबह से ही लोगो की भीड़ लगी रही। आंवले के वृक्ष के नीचे लोगो ने पकवान बनाकर सभी को भोजन कराया। वहीं कुछ लोग इस दिन पिकनिक स्पॉट पहुंच गए। जहां उन्होने न केवल आंवले की पूजा अर्चना की बल्कि इस दिन को यादगार बनाने के उद्देश्य से पूरा दिन वहीं बताया। नगर के बूढ़ी माता मंदिर के साथ ही अन्य मंदिरों के अलावा जिला मुख्यालय से कुछ दूरी पर स्थित क्षीर सागर में अच्छी खासी भीड़ देखने को मिली। वहीं सरफा में भी लोगो ने पिकनिक का लुत्फ उठाया।
Published on:
30 Oct 2017 11:59 am
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