
CO Jalalabad
शाहजहांपुर।यूपी पुलिस की शिकायतों के तमाम किस्से आपने सुने होंगे, लेकिन आज हम आपको पुलिस के एक अधिकारी का वो मानवीय रूप दिखाने जा रहे हैं, जिसके बाद आप भी उनकी प्रशंसा करने के लिए मजबूर हो जाएंगे।
दरअसल शाहजहांपुर के जलालाबाद सर्किल मे तैनात सीओ संदीप कुमार सिंह बीते गुरुवार को एक मामले की जांच करने जलालाबाद के गांव कुंडरा पहुचे थे। मामले की जांच के लिए वे आसपास के लोगों से पूछताछ करना चाहते थे। उन्होंने पूछताछ के लिए एक घर का दरवाजा खटखटाया तो करीब चार साल की बच्ची ने दरवाजा खोला। सीओ संदीप ने बच्ची से उसके पिता के बारे में पूछा तो वो कुछ सही से बता नहीं सकी। इतनी देर मे वहां एक पास में रहने वाला शख्स आ गया। उसने बताया कि बच्ची के परिवार में चार बच्चे हैं जो अकेले घर में रहते हैं। तीन साल पहले बच्चों की मां छोङकर चली गई थी और उसका पिता दिल्ली मे रहकर नौकरी करता है। सबसे बङ़े बच्चे की उम्र महज 12 साल की है जो अपने तीन छोटे छोटे भाई बहनों का ख्याल रखता है।
ये सुनकर सीओ का मन द्रवित हो उठा और उनकी बच्चों से मिलने की उत्सुकता बढ़ गई। बच्चे बाहर खेल रहे थे और उन्हें सुबह से खाने के लिए भोजन नहीं मिला था। कुछ देर बाद बच्चे घर आ गए। जब सीओ संदीप ने उनका हुलिया देखा तो कपड़े फटे हुए थे। घर में खाने के लिए कुछ नहीं था। कुछ खरीदने के लिए पैसे भी नहीं थे। बड़े बच्चे ने बताया कि पिता कई महीनों में एक हजार या पांच सौ रुपए भेज देते हैं। उसी से कई महीनों तक गुजारा चलाना पड़ता है। इन हालातों को देखकर उनकी आंखें भर आईं।
इत्तेफाक से सीओ संदीप का जन्मदिन एक दिन बाद था। उन्होंने मन ही मन निर्णय किया कि इस बार वे अपना जन्मदिन बच्चों के नाम करेंगे।उन्होंने फौरन साथ आए सिपाहियों को बाजार भेजा और बच्चों के लिए नए कपड़े मंगवाए। होटल से खाना मंगवाकर खिलाया और कई महीने का राशन उनके घर में रखवाया ताकि बच्चों को भूखा न सोना पड़े। सीओ संदीप बताते हैं कि इतना सब देखकर बच्चों के चेहरे खिल गए। ये देखकर दिल को बेहद सुकून मिला। सीओ का कहना है कि वैसे तो वो अपना जन्मदिन ज्यादातर जोरशोर से नहीं मनाते हैं। लेकिन इस बार ये पहला जन्मदिन है जिससे अलग ही खुशी मिली है।
Published on:
02 Jun 2018 12:38 pm
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