
शाहजहांपुर। जिले में लापरवाही बरतने वाले अफसरों पर बड़ी कार्रवाई की गई है। जिलाधिकारी अमृत त्रिपाठी ने 12 अफसरों का वेतन रोक दिया है। जिन अधिकारियों का वेतन रोका गया, वे एडीएम से लेकर एसडीएम और सीएमओ जैसे अफसरों का वेतन रोका गया है। आईजीआरएस पोर्टल पर शिकायतों के निस्तारण में लापरवाही की गई थी। जन सुनवाई पोर्टल की समीक्षा में अफसरों की लापरवाही सामने आई। जिसके बाद जिलाधिकारी ने यह कार्रवाई की। साथ ही तीन दिन के अंदर सभी शिकायतों का निस्तारण करने का फरमान सुनाया है।
नहीं किया शिकायतों को निस्तारण
दरअसल जन सुनवाई पोर्टल पर शिकायतों के निस्तारण के मामले में कई बार शाहजहांपुर पहले नंबर पर रहा है। कुछ वक्त से जिलाधिकारी को शिकायतें मिलने लगी कि जन सुनवाई पोर्टल पर शिकायत की, लेकिन कोई निस्तारण नहीं किया गया। अगर शिकायत का निस्तारण कर भी दिया गया तो वो फर्जी निस्तारण कर दिया। जिसके बाद जिलाधिकारी ने जन सुनवाई पोर्टल के मामले में एक मिटिंग बुलाई। जिसमें सभी विभागों के अधिकारी मौजूद थे। जब जन सुनवाई पोर्टल देखा गया तो उस पर 38671 में से 33567 मामलों का ही निस्तारण किया गया। बाकी मामले डिफाल्टर पाए गए।
इन अधिकारियों पर कार्रवाई
जिलाधिकारी अमृत त्रिपाठी ने ने मामले की गंभीरता को देखते हुए आलाधिकारियों पर चाबुक चलाया। जिलाधिकारी एडीएम वित्त सर्वेश कुमार, सीएमओ आरपी रावत, एसडीएम सदर राम जी मिश्रा, एसडीएम तिलहर सत्यप्रिये सिंह समेत 12 अधिकारियों का वेतन रोक दिया है। साथ ही डिफाल्टर मामलों को तीन दिन के अंदर निपटाने का आदेश दिया है।
अफसरों को हिदायत
जिलाधिकारी अमृत त्रिपाठी का कहना है कि जन सुनवाई पोर्टल की हर महीने लखनऊ में समीक्षा की जाती है। जहां जिन का शिकायतों का निस्तारण किया गया वो डिफाल्टर पाए गए। जबकि शिकायतकर्ता से बात करके उसका निस्तारण किया जाए ताकि शिकायतकर्ता संतुष्ट हो सके। उनका कहना है कि अभी तो अफसरों का वेतन रोका है। अगर आगे भी यही स्थिति रही तो कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
Published on:
30 Apr 2018 03:35 pm
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