5 दिसंबर 2025,

शुक्रवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

बिना तनख्वाह 22 साल से सरकारी स्कूल में शिक्षा दे रहे श्रीकृष्ण शर्मा

85 वर्षीय श्रीकृष्ण शर्मा रोज साइकिल चलाकर तय समय पर स्कूल आते हैं और बच्चों को पढ़ाते हैं। यह सिलसिला वर्षों से जारी है।

3 min read
Google source verification

image

Amit Sharma

Nov 26, 2016

Government School

Government School

शाहजहांपुर।
वैसे तो प्रदेश के बेसिक शिक्षा विभाग के टीचर पढ़ाई न कराने के लिए काफी बदनाम माने जाते हैं। लेकिन शाहजहांपुर का एक रिटायर्ड शिक्षक लोगों के लिए मिशाल बना हुआ है। ये शिक्षक रिटायर होने के 22 साल बाद भी उसी स्कूल में बिना पैसे के बच्चों को पढ़ा रहा है। इस टीचर का हौसला देकर अब दूसरे टीचर भी उनके हम कदमों पर चलने की प्रेरणा ले रहे हैं तो वहीं शिक्षा विभाग शिक्षक को एक खास मौके पर सम्मानित करने की बात कर रहा है।


Shrikrishna Sharma

1995 में हो चुके हैं रिटायर

शाहजहांपुर के कांट ब्लॉक के सरकारी जूनियर हाई स्कूल में बच्चों को अंग्रेजी पढ़ा रहे ये 76 साल के शिक्षक श्रीकृष्ण शर्मा हैं। श्रीकृष्ण शर्मा स्कूल से आठ किमी दूर मोहनपुर गांव के रहने वाले हैं। ये इस स्कूल के न ही सरकारी टीचर हैं और न ही इन्हें कोई वेतन मिलता है। ये जानकर शायद आप हैरत में पढ़ जायें कि ये इसी तरह पिछले 22 सालों से बिना पैसे के बच्चों को यहां रोजाना पढ़ाने आते हैं। श्रीकृष्ण शर्मा के अनुसार वह बेसिक शिक्षा विभाग में नौ मई 1954 में बतौर एक शिक्षक तैनात हुए थे। और लम्बे समय तक बच्चों को पढ़ाते-पढ़ाते उन्हें शिक्षा से इतना लगाव हो गया कि 30 जून 1995 में जब वो रिटायर्ड हुए तो विदाई समारोह के दौरान बच्चों प्यार और साथियों का लगाव देखकर उन्होंने प्रण किया कि जब तक उनकी सांस चलेगी तब तक वो बिना पैसे बच्चों को शिक्षा देते रहेंगे। अपने इसी प्रण के चलते शर्मा जी अपने घर रोजाना साइकिल से आठ किमी का सफर तय करके तय समय पर रोजाना यहां बच्चों को पढ़ाने आते हैं। शर्मा जी वैसे तो हर विषय पढ़ाते हैं लेकिन खासतौर पर अंग्रेजी में बच्चों को काबिल बनाने पर जोर देते हैं। उनका कहना है कि जो प्रण उन्होंने लिया है वो उसे अपनी आखिरी सांस तक पूरा करेंगे।




शर्मा जी से ही पढ़ना चाहते हैं बच्चे

भले ही कोई वहां तैनात सरकारी टीचर आए या न आए लेकिन शर्मा जी की साइकिल का पहिया तय समय पर घूमता है। शर्मा जी के लिए कोई एक क्लास तय नहीं है। जो भी क्लास उन्हें खाली मिल जाता है वहीं पर वो कुर्सी मेज डालकर बच्चों को पढ़ाना शुरू कर देते हैं। उनकी पढ़ाने के तरीके और बच्चों से विशेष लगाव के चलते बच्चे सिर्फ शर्मा जी से ही पढ़ना पसन्द करते हैं।




दूसरे शिक्षकों के लिए बने आदर्श

82 साल के इस बुजुर्ग में आज भी बच्चों को पढ़ाने को लेकर वही जज्बा है जो किसी की जवानी में हो सकता है। अब उनकी इसी लगन और मेहनत से कायल दूसरे शिक्षक भी उनके हम कदमों पर चलकर रिटायरमेन्ट के बाद बिना पैसे के जीवन भर पढ़ाने का संकल्प ले रहे हैं।


Government School

बेसिक शिक्षा विभाग करेगा सम्मान

अमूमन दिन भर की कड़ी मेहनत के बाद लोगों के चेहरे पर थकान दिखने लगती है लेकिन बच्चों को पढ़ाने के बाद आज भी 82 साल के बुजुर्ग श्रीकृष्ण के चेहरे पर शुकून की खुशी साफ तौर पर देखी जा सकती है। उनकी इसी लगन को देखते हुए बेसिक शिक्षा विभाग उनके लिए एक सम्मान समारोह मनाने की बात कर रहा है। सरकारी नौकरी से रिटायरमेन्ट के बाद अमूमन लोग आराम करना ज्यादा पसन्द करते हैं। लेकिन इस बुजुर्ग के जज्बे को देखकर यह कहना बेमानी होगा कि साठ साल के बाद आदमी रिटायर हो जाता है। यह अध्यापक उन लोगों के लिए प्रेरणा साबित हो सकता है जो सेवा में रहते हुए भी अपने काम के प्रति लापरवाही बरतते हैं।


देखें वीडिय़ो

ये भी पढ़ें

image