उत्तराखंड पुलिस की सूचना के बाद हरकत में आई यूपी पुलिस शाहजहांपुर पुलिस आज अपने दो पुलिसकर्मियों के कारनामे पर शर्मसार है।पुलिस की गिरफ्त में इन दोनों पुलिसकर्मियों पर असलहों के बल पर 50 लाख रुपए की लूट और व्यापारियों को बंधक बनाने का आरोप लगा है। दरअसल देर रात पुलिस को 50 लाख रुपए की लूट की सूचना मिली थी। जिसके बाद कई थानों की पुलिस ने घेराबंदी करके थाना जलालाबाद क्षेत्र में दिल्ली के नंबर की डस्टर गाड़ी को बरामद किया था। इस गाड़ी में एसओजी टीम में रहे सिपाही महेंद्र सिंह और लाइन में तैनात सत्यदेव सिपाही बैठे हुए थे। जिन्होंने उत्तराखंड के काशीपुर जिले के व्यापारियों को असलहों के बल पर बंधक बना रखा था। व्यापारी के पास पचास लाख रुपए की नकदी थी। मुखबिर की सूचना पर इन दोनों सिपाहियों ने पहले व्यापारी को असलहों के बल पर दिनदहाड़े कई घंटे तक गाड़ी में बंधक बनाया और इधर उधर सुनसान सड़कों पर घुमते रहे। अंधेरा होने पर उन्हें तिलहर से 50 किलोमीटर दूर कटरी में ले जाकर पैसा लूटने के बाद व्यापारी को फेंंकने की योजना बनई लेकिन अपनी जान का खतरा देख व्यापारी ने किसी तरह उत्तराखंड सूचना कर दी जिसके बाद मामला पुलिस अधिकारियों तक पहुंचने के बाद हड़कंप मच गया और नाकाबंदी कर लूट से पहले ही दोनों पुलिस वाले कटरी से पहले थाना जलालाबाद पुलिस के हत्थे चढ़ गए।
पुलिस की किरकिरी गिरफ्तार करते हुए दोनों सिपाहियों के कब्जे से नाजायज असलहा, कारतूस सहित 50 लाख की नकदी भी बरामद कर ली गई है। मामला पुलिस का था इसलिए बदनामी के डर से पहले मामले को दबाने का भरसक प्रयास किया गया, फिर मीडिया में आने के बाद मामूली धाराओं में मुकदमा दर्ज करते हुए दोनों सिपाहियों को सस्पेंड करते हुए जेल भेज दिया है। अब सवाल यही उठता है क्या पुलिस के लिए अलग से कानून है। फ़िलहाल पुलिस की इस करतूत से अब व्यापारियों का कानून से भरोसा उठ गया है।