
Molestation charges against BJP MLA
शाहजहांपुर। जिले में बीजेपी विधायक रोशन लाल वर्मा का मामला लगातार तूल पकड़ता जा रहा है। तीन दिनों से चल रहे मामले मे तिलहर विधायक रोशनलाल वर्मा ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित की। कॉन्फ्रेंस में उन्होंने अपने ऊपर लगे अपहरण और दुराचार के आरोप को एक साजिश बताया। उन्होंने आरोप लगाया कि उनकी छवि ख़राब करने के लिए सपा ने ये साजिश रची है।
विधायक की प्रेस कॉन्फ्रेंस में पहुंची महिला
विधायक की प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान आरोप लगाने वाली महिला भी होटल में पहुंच गई और हंगामा कर दिया। महिला विधायक की प्रेस कॉन्फ्रेंस में पहुंचकर मीडिया के सामने रोशन लाल वर्मा से आमना सामना करना चाहती थी। लेकिन पुलिस ने बल पूर्वक महिला को प्रेस कॉन्फ्रेंस मे जाने से रोक लिया। इस बात से नाराज महिला होटल की सीढ़ियों पर बैठ गई। पुलिस के विरोध करने पर महिला ने शोर किया जिसे सुनकर मीडिया कर्मी मौके पर पहुंच गए। इसके बाद महिला को छोड़ दिया गया और वो बीच सड़क पर धरने पर बैठ गई। हंगामा न रुकने पर महिला को महिला पुलिस बुलाकर बल पूर्वक हटाया गया।
जब बीच सड़क में युवती ने विधायक के खिलाफ दिया धरना
धरने पर बैठने से पहले पीड़ित महिला ने विधायक और उनके गुर्गों पर धमकी देने का आरोप लगाया था। पीड़िता का आरोप है कि दबंग विधायक समझौते के लिए लगातार धमकी दे रहे थे। वहीं विधायक ने महिला पर ब्लैक मेल करने का आरोप लगाया था। महिला प्रेस कॉन्फ्रेंस में जाकर रोशनलाल वर्मा के आरोपों को झूठा ठहराना चाहती थी। जब इस बात की जानकारी पुलिस को लगी तो सीओ सिटी सुमित शुक्ला इंस्पेक्टर सदर बाज़ार सहित महिला पुलिस लेकर पहुंच गये और युवती को प्रेस कॉन्फ्रेंस में जाने से रोक लिया। इस बात से महिला नाराज हो गई और होटल के सामने बीच सड़क पर धरने पर बैठ गई।
इसके बाद पुलिस ने उसे वहां से जबरन हटाने की कोशिश की। इस दौरान महिला की पुलिस से नोकझोंक भी हुई। जब पुलिस उसको सड़क से घसीट कर ले जाने लगी तो शोर सुनकर कर होटल मे मौजूद मीडिया कर्मी बाहर निकल आए। मीडियाकर्मियों को देखकर पुलिस ने महिला को छोड़ दिया। घंटो चले हंगामे के बाद महिला अपने परिजनों के साथ बाइक पर बैठ कर घर चली गई। पीड़िता ने बताया कि वह अपनी बात रखने मीडिया के सामने आई थी लेकिन पुलिस ने उसके साथ बहुत बदसलूकी की और मीडिया के सामने आने से रोक दिया।
ये है पूरा मामला
2011 में निगोही से बसपा विधायक रोशन लाल वर्मा पर एक महिला ने आरोप लगाया था कि विधायक रोशनलाल वर्मा और उनके बेटे मनोज वर्मा ने युवती का अपहरण कर आठ दिन तक बंधक बनाकर रखा और उसके साथ दुराचार किया। आठ दिन बाद विधायक के चंगुल से छूटी युवती ने आरोप लगाते हुए मुकदमा दर्ज कराया। दबंग विधायक की ऊंची पहुंच के चलते इस मामले की जांच सीबीसीआईडी को ट्रांसफर कर दी गई थी। आरोप है कि सीबीसीआईडी ने सत्ता के दबाव के चलते इस केस में फाइनल रिपोर्ट लगा दी और कोर्ट मे युवती के खिलाफ झूठा केस दर्ज करने के मामले में 182 की कार्रवाई का आदेश दिया। महिला की मानें तो वो सात सालों से इंसाफ के लिए शाहजहांपुर से लेकर लखनऊ तक चक्कर काट रही है।
Published on:
10 May 2018 02:49 pm
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