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आस्था के आगे फिर झुके, सांपों को पिलाया दूध, जाने क्यों?

जिलेभर में शुक्रवार को नागपंचमी धूमधाम से मनाई गई। घर-मंदिरों में महिलाओं ने नाग देवता का पूजन कर उन्हें दूध पिलाया और सुख-समृद्धि की कामना की।

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Rishi Sharma

Jul 29, 2017

 Again in faith, bowed to snakes, why do you go?

Again in faith, bowed to snakes, why do you go?

शाजापुर.
जिलेभर में शुक्रवार को नागपंचमी धूमधाम से मनाई गई। घर-मंदिरों में महिलाओं ने नाग देवता का पूजन कर उन्हें दूध पिलाया और सुख-समृद्धि की कामना की।

घर की दीवार पर लोगों ने गोबर से नागदेवता की आकृति बनाकर उनकी पूजा-अर्चना की। साथ ही ग्राम गिरवर स्थित नागचंद्रेश्वर महादेव मंदिर, अखंड आश्रम स्थित नाग मंदिर, आदित्य नगर स्थित श्री नागराज मंदिर, हाट मैदान स्थित देवनारायण मंदिर, बादशाही पुल स्थित वासुकी नाग मंदिर, नागनागिन रोड स्थित नाग मंदिर और फूलखेड़ी स्थित शेषनाग मंदिर में विशेष आराधना की गई। भक्तों ने यहां नाग देवता का पूजन कर उन्हें दूध पिलाया। वहीं कालबेलियों ने कुछेक घर पहुंचकर नाग के दर्शन कराएं।

मंदिर में कालीघटा के हुए दर्शन

वजीरपुरा स्थित राधाकृष्ण मंदिर में नागपंचमी पर काली घटा के दर्शन हुए। श्रद्धालुओं ने प्रतिमा का काले कपड़ों से शृंगार किया। भगवान के इस स्वरूप को निहारने मंदिर में भक्तों का तांता लगा रहा। द्वारिकाधीश मंदिर में भी काली घटा के दर्शन हुए। भजन-कीर्तन हुए। श्रीगोवर्धननाथ मंदिर हवेली में भी शुक्रवार रात करीब 8 बजे ठाकुरजी के कालीघटा के दर्शन हुए। मनोरथी कमल शर्मा एवं परिवार रहा। शृंगार मंदिर मुखिया निकुंज मेहता, योगेश मेहता, मुकेश मेहता और पुनित ने किया।

वन विभाग ने भी की कार्रवाई

वन विभाग के अमले ने शहर भर में घूमकर सपेरों पर निगाह रखी और जहां भी कालबेलिये नाग लिए दिखे उनसे सांप को जब्त कर लिया गया। वन विभाग के डिप्टी रेंजर अशोकसिंह बघेल ने बताया विभाग का अमले ने सुबह 8 बजे से ही कार्रवाई शुरू कर दी थी। कालबेलियों की जांच की गई तो कुछेक के पास ही सांप मिले। बघेल ने बताया शुक्रवार को कालबेलियों से 6 सांप जब्त करके जंगल में छोड़े गए। सांप नहीं होने के चलते कई कालबेलिए हाथों में सांप का पोस्टर लिए हुए ही लोगों के पास पूजन के लिए पहुंचे। एक बालक ने तो सांप की पीटारी में गाड़ी के टायर से निकले ट्यूब को ही रख लिया। नवनीत चौहान, वनरक्षक सीताराम तिवारी, आनंद भावसार सहित अन्य शामिल थे।

इंतजार ही करते रहे लोग

गली-गली बीन बजाकर सांप को दूध पिलाने का आग्रह करने वाले कालबेलिये इस बार कम ही दिखाई दिए। कारण वन विभाग ने इन पर कार्रवाई की पूरी तैयारी कर रखी थी। इसके चलते कालबेलिये नगर में आए तो सही, लेकिन कार्रवाई के डर से जल्दी निकल लिए। बाद में अपने घरों में लोगों ने गोबर से नागदेवता की आकृति बनाकर उनकी ही पूजा की।