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डिलीवरी के लिए महिलाओं को 24 घंटे मुफ्त सेवा दे रहे ऑटो ड्राइवर दिलीप

ये ऑटो ड्राइवर औरों की मदद के लिए आगे खड़े रहते हैं। वे ऑटो चलाकर ही अपने और परिवार का भरण पोषण कर रहे हैं लेकिन जरूरतमंदों को बिल्कुल फ्री सेवा भी देते हैं। उनमें परोपकार का ऐसा भाव है कि गर्भवती महिलाओं को अस्पताल ले जाने के लिए हमेशा तैयार रहते हैं। उनके लिए वे 24 घंटे बिल्कुल मुफ्त सेवा दे रहे हैं।

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ऑटो ड्राइवर औरों की मदद के लिए आगे खड़े रहते हैं

शाजापुर। आज के समय में जब लोगों को केवल अपना ही स्वार्थ दिखता है तब ये ऑटो ड्राइवर औरों की मदद के लिए आगे खड़े रहते हैं। वे ऑटो चलाकर ही अपने और परिवार का भरण पोषण कर रहे हैं लेकिन जरूरतमंदों को बिल्कुल फ्री सेवा भी देते हैं। उनमें परोपकार का ऐसा भाव है कि गर्भवती महिलाओं को अस्पताल ले जाने के लिए हमेशा तैयार रहते हैं। उनके लिए वे 24 घंटे बिल्कुल मुफ्त सेवा दे रहे हैं।

हम बात कर रहे हैं एमपी के शाजापुर के ऑटो रिक्शा ड्राइवर दिलीप परमार की। दिलीप ने अनूठा संकल्प ले रखा है, जरूरतमंद गर्भवती महिलाओं को निशुल्क अस्पताल पहुंचाने का। वे विशेष तौर पर रात के समय यह काम करते हैं जब उनके शहर में इक्का दुक्का ऑटोवाले ही उपलब्ध रहते हैं।

दिलीप परमार अपने ऑटो से जरूरतमंद गर्भवती महिलाओं को अस्पताल तक पहुंचा देते हैं और इसके लिए एक रुपए भी नहीं लेते। इतना ही नहीं, इस फ्री सेवा के लिए वे हर वक्त तैयार रहते हैं। ऑटो रिक्शा ड्राइवर दिलीप परमार गर्भवती महिलाओं पूरी तरह निशुल्क सुविधा देते हैं, उन्हें अस्पताल ले जाने के साथ ही अन्य सहयोग भी करते हैं।

ज्यादा से ज्यादा महिलाएं सुविधा का लाभ उठा सकें इसके लिए उन्होंने अपने ऑटो में इस बारे में लिखवा भी दिया है। दिलीप परमार ने अपने ऑटो में लिखवाया है— डिलीवरी के लिए नाइट सेवा फ्री।

उनकी इस सेवाभावना की हर कोई प्रशंसा करता है। यहां तक कि जिले के कलेक्टर भी इस नेक काम के लिए उनकी तारीफ करते हैं। गर्भवती महिलाओं की इस सेवा के लिए कलेक्टर किशोर कुमार कन्याल ने ऑटो रिक्शा चालक दिलीप परमार को सम्मानित भी किया है। खास बात यह है कि कलेक्टर किशोर कन्याल ने दिलीप परमार के घर पहुंचकर उनका सम्मान किया।

दिलीप परमार 10 साल से यह काम कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि अक्सर रात के समय गर्भवती महिलाओं को अस्पताल पहुंचाना बहुत कठिन होता है। ऑटो मिलते नहीं हैं या काफी महंगा किराया मांगा जाता है। यही वजह है कि वे अपने ऑटो से उनकी मदद के लिए तत्पर रहते हैं।