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इनडोर स्टेडियम बना सपना… बारिश में खेलने के लिए पड़ता है तरसना

जिले से खेल प्रतिभाओं को संवारने के लिए प्रदेश स्तर से मिले निर्देशों के पालन में अनेक खेल प्रतियोगिताएं ग्राम से लेकर ब्लॉक, जिला स्तर तक आयोजित की जाती है। शासन स्तर से इस तरह के आयोजनों के लिए लाखों रुपए खर्च भी किए जाते हैं, लेकिन खेल प्रतिभाओं को आगे लाने के ये प्रयास कुछ हद तक ही सिमित नजर आते हैं।

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Shajapur Desk

Jul 28, 2017

Dreaming to make indoor stadium ... during rain pl

Dreaming to make indoor stadium ... during rain players not able to play

शाजापुर.
जिले से खेल प्रतिभाओं को संवारने के लिए प्रदेश स्तर से मिले निर्देशों के पालन में अनेक खेल प्रतियोगिताएं ग्राम से लेकर ब्लॉक, जिला स्तर तक आयोजित की जाती है। शासन स्तर से इस तरह के आयोजनों के लिए लाखों रुपए खर्च भी किए जाते हैं, लेकिन खेल प्रतिभाओं को आगे लाने के ये प्रयास कुछ हद तक ही सिमित नजर आते हैं। अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता ह ैकि जिले भर में जहां गिने-चुने खेल मैदान हैं। वहीं इनडोर स्टेडियम तो पूरे जिले में एक भी नहीं है। इससे मौसम की मार से खिलाडिय़ों का खेल भी प्रभावित होता है।

बुधवार को जिला स्तर पर खो-खो टीम के चयन के लिए जिले के चारों ब्लॉक की टीमों को बुलवाकर ट्रायल लिया गया। रिमझिम बारिश के कारण हुए कीचड़ से सने मैदान पर खो-खो के ट्रायल लेना पड़ें, क्योंकि जिले में कहीं पर भी इनडोर स्टेडियम नहीं है। कीचड़ भरे मैदान पर खिलाडिय़ों को फिसलन के कारण परेशानी हुई। बार-बार खिलाड़ी गिरते रहे, इससे कपड़े तो खराब हुए चोट भी लगी।

आयोजकों ने संभाग स्तर से मिले कैलेंडर की तिथि के अनुसार प्रतियोगिताओं के आयोजन की मजबूरी बताई। केवल बारिश ही नहीं कड़ाके की सर्दीहो या फिर झुलसा देने वाली धूप खिलाडिय़ों को मौसम की मार सहते हुए ही अपना प्रदर्शन करना पड़ता है। पूर्व में भी अनेकों बार प्रतियोगिताओं के आयोजन में मौसम की मार से खिलाडिय़ों को परेशानी होती रही, लेकिन इनकी परेशानी पर ध्यान देने वाला कोईनहीं मिला।

केंद्र सरकार की थी योजना

पूरे प्रदेश में ही केंद्र सरकार की ओर से इनडोर स्टेडियम बनाने के लिए योजना तैयार की गईथी। दो-तीन साल पहले इनडोर स्टेडियम के लिए डिजाइन तैयार कर नक्शा भी बनवाया गया। प्रत्येक जिला मुख्यालय पर एक-एक इनडोर स्टेडियम, ऑडिटोरियम के साथ खेल मैदान भी बनाया जाना था, लेकिन पूरे प्रदेश में ही उक्त योजना पर बाद में ध्यान नहीं दिया गया। इसके चलते आज भी कहीं पर इनडोर स्टेडियम नहीं बन पाया है।


तीन आउटडोर स्टेडियम बने, इनडोर की फाइल अटकी

करीब 3 साल पहले जिले की तीनों विधानसभा में ग्रामीण विकास विभाग की योजना के अनुरुप एक-एक स्टेडियम के निर्माण किया जाना था। इसके चलते शाजापुर विधानसभा में ग्राम रंथभंवर के पास, शुजालपुर में ग्राम किसानों में और कालापीपल में ग्राम महुआखेड़ी में 80-80 लाख की लागत से स्टेडियम का निर्माण कराया गया। इसमें स्टेडियम की दीवार, स्टोर रूम, ऑफिस, दर्शक दीर्घा का निर्माण किया गया। जानकारी के अनुसार बारिश के कारण स्टेडियम में फ्लोरिंग का कार्यरोक दिया गया। बारिश के बाद फ्लोरिंग का कार्य पूर्ण किया जाएगा। तीन स्टेडियम का निर्माण होना जिले के लिए बड़ी बात है, लेकिन इनडोर स्टेडियम की फाइल आज भी अटकी पड़ी है।

तीनों विधानसभा में एक-एक स्टेडियम का निर्माण हुआ जो अंतिम चरण में है। वहीं इनडोर स्टेडियम के लिए केंद्र सरकार की योजना के अनुरुप 2-3 साल पहले कवायद हुई थी, लेकिन बाद में इस योजना पर आगे से ही कोई कार्रवाई नहीं हुई। ऐसे में पूरे प्रदेश में ही योजना लगभग बंद हो गई।

बीएल चोरगले, उपसंचालक, खेल एवं युवककल्याण, शाजापुर