समीपस्थ ग्राम नैनावद निवासी ओमप्रकाश राठौर (43) के परिवार में पत्नी सहित दो बेटों के अलावा एक बेटी भी है। राठौर ने बताया कि करीब 3 साल पहले एक छोटे से तोते के बच्चे को बेटा लेकर घर आ गया था। घर में ही उसकी देखभाल की और उसका नाम बंटी रखा। धीरे-धीरे करके बंटी घर के सदस्य के जैसा हो गया। राठौर तो उसे अपना तीसरा बेटा मानने लगे। वहीं उनकी बेटी विद्या जो कक्षा 10वीं की छात्रा है, वो बंटी को अपने भाई की तरह दुलारने लगी। पेशे से बीएसएनएल की ठेकेदारी करने वाले राठौर ने बताया कि बंटी हमारे घर में परिवार के लोगों के साथ ही रहता था। पहले वो दो-तीन बार उड़ गया और कुछ देर ही में लौट आया था, लेकिन 2 मई को बंटी घर में अचानक उड़कर कहीं चला गया। परिवार के लोगों ने उसे बहुत ढूंढा, लेकिन वह नहीं मिला। राठौर ने बताया कि पूरा परिवार खासकर उनकी बेटी विद्या बंटी को बहुत याद करती थी। रविवार को अचानक बंटी घर के आंगन में रखे पानी के ड्रम पर आकर बैठ गया। जैसे ही उसे बंटी आवाज लगाई वो सीधे विद्या के कंधे पर आकर बैठ गया। अब पूरा परिवार खुश है। ा