9 दिसंबर 2025,

मंगलवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

मामाजी मेरी जान बचा लो…

जिंदगी और मौत के बीच जंग लड़ रहा 6 साल का देवराज - शाजापुर के ग्राम ढाबलाधीर निवासी माता-पिता अपने बेटे के लीवर ट्रांसप्लांट के लिए लगा रहे प्रदेश सरकार से गुहार

2 min read
Google source verification
save my life mama

शाजापुर। भोपाल के निजी अस्पताल में भर्ती देवराज हाथ जोडक़र मुख्यमंत्री से अपनी जान बचाने की लगा रहा गुहार

शाजापुर.

राजधानी भोपाल के निजी अस्पताल में भर्ती हाथ जोड़कर प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान से शिवराज मामाजी मेरी जान बचालो... की गुहार लगाते हुए देवराज को जो भी देखता है उसकी आंखे भर आती है। माता सुनीता बाई और पिता चुन्नीलाल अपने 6 साल के बेटे के उपचार के लिए अपना सबकुछ दांव पर लगा चुके हैं। अब-भी डॉक्टर्स ने उन्हें करीब 25 लाख रुपए का खर्च बताया है। जिससे उनके बेटे का लीवर ट्रांसप्लांट हो पाएगा। ऐसे में अपने बेटे को बचाने के लिए दोनों पति-पत्नी अस्पताल के बाहर बैठकर आंखों में आंसू लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान की तस्वीर हाथ में लेकर मदद की गुहार लगा रहे हैं। दंपती का कहना है कि मुख्यमंत्री चाहे तो उनके बेटे की जान बच सकती है। दरअसल, जिले के कालापीपल जनपद पंचायत क्षेत्र की ग्राम पंचायत ढाबलाधीर में रहने वाले चुन्नीलाल को यह नहीं पता था कि उसके बेटे को महज 6 साल की उम्र में ही जिंदगी और मौत के बीच संघर्ष करना पड़ेगा। लीवर डैमेज होने के चलते भोपाल के निजी अस्पताल में चुन्नीलाल ने अपने बेटे को भर्ती तो करा दिया, लेकिन अब तक के उपचार में ही उसे घर बेचना पड़ा। अभी-भी बेटे के लीवर ट्रांसप्लांट के लिए डॉक्टर ने करीब 25 लाख रुपए का खर्च बताया है। अब चुन्नीलाल और उसकी पत्नी सुनीता बेटे के उपचार के लिए गुहार लगा रहे है।


घर बेच दिए, अब दो बीघा जमीन आप रख लो
अपने लाड़ले का उपचार कराने के लिए देवराज की मां सुनिता बाई मुख्यमंत्री को शिवराज भैय्या कहते हुए गुहार लगा रही है। सुनिता बाई का कहना है कि शिवराज भैय्या आपके भांजे की जिंदगी आपके हाथ में है बचा लिजिए। मेरे पास अब केवल दो बीघा जमीन बची है जिसको बेच भी दूं तो इतने पैसे नहीं मिलेंगे कि देवराज का इलाज हो पाएगा। पहले ही दो घर बेच चुके हैं। अब जमीन आप रख लो, लेकिन मेरे बेटे की जान बचा लो। देवराज के पिता चुन्नीलाल भी अब प्रदेश सरकार से आस लगा रहे हैं जिससे उनके बेटे का लीवर ट्रांसप्लांट हो जाए और उसकी जान बच जाए।

दो बच्चों की पहले हो चुकी है मौत
देवराज के पिता चुन्नीलाल ने बताया कि देवराज का लीवर संक्रमित हो चुका है और उसने काम करना बंद कर दिया, जिसके चलते लीवर ट्रांसप्लांट किया जाना है और इसके लिए 25 लाख रुपए का खर्च होगा। माता पिता इस खर्च को उठाने में सक्षम नहीं है। चुन्नीलाल ने बताया कि उनके दो बच्चों की पहले ही लीवर डैमेज होने से मौत हो चुकी है। करीब 15 साल पहले उनकी बेटी सलोनी की 5 वर्ष की उम्र में मौत हो गई थी। दूसरे बेटे ऋतुराज की भी 5 वर्ष की उम्र में 8 साल पहले मौत हो गई थी। अब उनका एक मात्र बेटा देवराज भी लीवर की बीमारी से पीडि़त हैं।

अस्पताल पहुंचे मुख्यमंत्री ने दिया था आश्वासन
परिजनों के अनुसार गत दिनों मुख्यमंत्री चौहान भोपाल के निजी अस्पताल में पहुंचे थे। यहां पर देवराज के माता-पिता ने मुख्यमंत्री से अपने बेटे के उपचार के लिए गुहार लगाते हुए पूरे मामले से अवगत कराया था। इस दौरान मुख्यमंत्री ने उन्हें आश्वासन दिया था। अब माता-पिता को शिवराजसिंह चौहान से मदद की उम्मीद है।

x890d7r