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सावन भी बुझा नहीं सका चीलर डैम की प्यास 

हते हैं कि जब सावन आता है तो हर तरफ हरियाली छा जाती है और सूखी नदियां भी कलकल बहने लगती है। लेकिन इस बार सूखे सावन से जिले के नदी नालों से लेकर बड़े बांध तक सूखे ही रह गए। मौमस विभाग के मुताबिक अब तब पिछले साल की तुलना में आधी ही वर्षा दर्ज की गई है।

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Shajapur Desk

Jul 30, 2017

After 12 years, the happiness of the students, do

After 12 years, the happiness of the students, do you know?

शाजापुर.
कहते हैं कि जब सावन आता है तो हर तरफ हरियाली छा जाती है और सूखी नदियां भी कलकल बहने लगती है। लेकिन इस बार सूखे सावन से जिले के नदी नालों से लेकर बड़े बांध तक सूखे ही रह गए। मौमस विभाग के मुताबिक अब तब पिछले साल की तुलना में आधी ही वर्षा दर्ज की गई है। इससे चीलर डैम में तो अभी डेड स्टोरेज में ही पानी जमा हो रहा है। ऐसे में सिंचाई तो दूर शहरवासियों के लिए पीने की समस्या भी सामने आने का संकट बना हुआ है।

बता दें कि चीलर बांध में पिछले साल 30 जुलाई तक 9 फीट पानी आ चुका था, जबकि इस वर्ष अभी डेड स्टोरेज में ही पानी जमा हो रहा है। लेवल पर आने के बाद डैम में पानी बढऩा शुरू होगा। अभी सावन माह के अंतिम दिन चल रहे हैं। सावन का एक सप्ताह और बाकी है। हालांकि लोगों को अभी उम्मीद है कि आगामी दिनों अच्छी बारिश होगी, चीलर में पानी आएगा।

जिले में दो मध्यम सिंचाई परियोजना में चीलर डैम और लखुंदर डैम है। यह अल्पवर्षा के चलते अभी खाली पड़े हुए हैं। इनसे शाजापुर शहर और मक्सी नगर की प्यास बुझाई जाती है। जिले में सभी 43 लघु परियोजनाएं और 19 वियर स्टापडैम भी पूरी तरह से सूखे हुए हंै, जो बारिश के पानी का इंतजार कर रहे हैं। रबी फसल की सिंचाई की चिंता भी कम रहती है। लेकिन जारी अल्पवर्षा से सावन माह में ही पानी के लिए खींचतान मची हुई है।

शनिवार को फिर निकली धूप

गुरुवार रात से शुरु हुई बारिश शुक्रवार को भी दिनभर होती रही है। रिमझिम ही सही लेकिन इस बारिश से लोगों को थोड़ी बहुत उम्मीद जागी थी, इस दौरान 64 एमए बारिश दर्ज की गई थी। लेकिन शनिवार को एक बार फिर मौसम साफ हो गया और तेज धूप खिलने लगी। मौसम पर्यवेक्षक सत्येंद्रकुमार धनोरिया के मुताबिक अभी अच्छी बारिश के लिए कुछ और इंतजार करना पड़ेगा।

ऐसा सावन पहली बार देखा चीलर बांध ने

शाजापुर में चीलर बांध का निर्माण वर्ष 1970 में किया गया था। तब से अब तक यह पहला अवसर है जब चीलर बांध सावन माह में भी डेड स्टोरेज में है। अगर आगामी दिनों में अच्छी बारिश नहीं हुई तो वर्ष 2017-18 में शहरवासियों को भारी पानी की किल्लत झेलना पड़ेगी। जनप्रतिनिधि सिर्फ लखुंदर को चीलर से जोडऩे के नाम पर राजनीति करते हैं। चंदा करके जलाभिषेक यात्रा निकालकर भगवान को प्रार्थना की जाती हैं, लेकिन शासन स्तर पर कोई सार्थक कार्रवाई आज तक नहीं हो पाई।

पिछले साल की तुलना में आधी बारिश

जिले में 29 जुलाई सुबह 8 बजे तक 361.8 एमएम औसत वर्षा दर्ज हुई है। जबकि गत वर्ष 29 जुलाई तक जिले में 600.6 मिलीमीटर औसत वर्षा हो चुकी थी। जिले की औसत वर्षा 990.1 मि.मी. है। चालू वर्षाकाल में अब तक तहसील शाजापुर में 333.2 एमएम, मो. बडोदिया में 415.0 एमएम, गुलाना में 249.0 एमएम, शुजालपुर में 401.0 एमएम, कालापीपल में 411.0 एमएम वर्षा दर्ज हुई है।

फिलहाल डैम में डेड स्टोरेज में पानी है। अगस्त माह में अच्छी बारिश की उम्मीद है। डेम में इतना पानी तो आ जाएगा की शहरवासियों को पानी की समस्या न हो।

आरसी गुर्जर, इंजीनियर सिंचाईविभाग