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शिक्षकों को मिली बड़ी राहत: गैर शैक्षणिक कार्यों से मुक्त होंगे

शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2009 की धारा 27 में प्रावधानित है कि शिक्षकों को गैर शैक्षणिक कार्य में नहीं लगाया जाएगा। इसमें दस वर्षीय जनगणना, संसद, विधान मंडल, स्थानीय निकाय निर्वाचन तथा आपदा राहत कर्तव्यों में लगाने से छूट दी गई है।

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Shajapur Desk

Jul 30, 2017

Teachers get relief from non-academic jobs

Teachers get relief from non-academic jobs

शाजापुर.
शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2009 की धारा 27 में प्रावधानित है कि शिक्षकों को गैर शैक्षणिक कार्य में नहीं लगाया जाएगा। इसमें दस वर्षीय जनगणना, संसद, विधान मंडल, स्थानीय निकाय निर्वाचन तथा आपदा राहत कर्तव्यों में लगाने से छूट दी गई है। इस संबंध में स्कूल शिक्षा विभाग मंत्रालय भोपाल ने प्रदेश के सभी कलेक्टर, डीईओ, डीपीसी को पत्र लिखकर अवगत कराया है। साथ ही कहा गया कि वे इस संबंध में अपने स्तर से स्पष्ट दिशा-निर्देश अपने अधीनस्थों को भी दें।

स्कूल शिक्षा विभाग मंत्रालय के पत्र क्रमांक एफ44-15/2017/20-2, दिनांक 24 जुलाई 2017 के माध्यम से निर्देश दिए गए कि किसी भी शिक्षक को दस वर्षीय जनसंख्या, जनगणना, आपदा राहत कर्तव्यों या यथास्थिति स्थानीय प्राधिकारी या राज्य विधान मंडलों या संसद के निर्वाचनों से संबंधित कर्तव्यों से अलग किसी भी गैर शैक्षिक प्रयोजनों के लिए अभियोजित नहीं किया जाएगा। पत्र के माध्यम से बताया गया कि सर्वोच्च न्यायालय ने शिक्षकों को गैर शैक्षणिक कार्य में न लगाए जाने के संबंध में भारत निर्वाचन आयोग के विरुद्ध सेंट मेरी स्कूल एवं अन्य के प्रकरण में 6 दिसंबर 2007 को पारित आदेश को विचार में लेते हुए भारत सरकार के मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने अधिनियम के अंतर्गत निर्वाचन कार्य में शिक्षकों को लगाए जाने के संबंध में अलग से निर्देश जारी किए हंै।

जारी निर्देशों में यह भी कहा गया कि शिक्षकों को उनकी पदस्थापना वाली शाला पर ही शैक्षणिक कैलेंडर के अनुसार कार्य कराया जाए। यदि कोई भी मैदानी अधिकारी शिक्षक का अटैचमंट किसी-भी नाम से करता है तो ऐसे आदेश राज्य शासन के निर्देशों के विरुद्ध होकर अवैध है और उसका पालन नहीं किया जाए। साथ ही इसकी सूचना विभागाध्यक्ष को दी जाए।

शासन के जो निर्देश है उनका पालन किया जा रहा है। कईबार वरिष्ठकार्यालय से सीधे ही शिक्षकों का अटैचमेंट दूसरी जगह कर दिया जाता है।ज ब हमें इस संबंध में जानकारी मिलती है तो हम वरिष्ठ कार्यालय से आग्रह करके शिक्षकों का अटैचमेंट समाप्त करवाते है। बीएलओं में शिक्षकों की ड्यूटी लगाई जाती है, लेकिन यही प्रयास रहते हैं कि शिक्षकों को उनके स्कूल या उसके आसपास ही कार्यकरना पड़े ताकि अध्यापन कार्य प्रभावित न हो।

विवेक दुबे, प्रभारी सहायक संचालक, शिक्षा विभाग-शाजापुर