
शामली. कोरोना वायरस के संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए लागू किए गए लॉकडाउन के कारण देशभर के शहरों में फंसे हजारों मजदूरों को कई गंभीर मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। राज्य सरकारें दावा कर रही हैं कि मजदूरों को पलायन करने की जरूरत नहीं है और शहर में ही उनके रहने-खाने का इंतजाम किया जा रहा है, जबकि हकीकत इसके विपरीत हैं। दूसरे राज्यों से लौटने वाले जिन प्रवासी मजदूरों से बात की गई तो उन्होंने कहा कि जहां वे रह रहे थे। वहां पर खाने-पीने व रहने की कोई व्यवस्था नहीं थी। इस वजह से उन्हें अपने घरों को पैदल तथा अन्य वाहनों से निकला पड़ा।
दूसरे राज्यों में फंसे प्रवासी मजदूरों का मंगलवार को हरियाणा रोडवेज बस से कैराना के शेल्टर होम तक पहुंचाया गया। प्रवासी मजदूरों से जब बात की गई तो उन्होंने बताया कि पानीपत से कैराना तक उनसे 30 रुपए प्रति व्यक्ति किराया वसूला गया। हरियाणा रोडवेज बस के ड्राइवर राजेश ने बताया कि जो हरियाणा से आने वाले प्रवासी मजदूर हैं। उनसे आज से किराया लिया जा रहा है। हरियाणा सरकार के आदेश के बाद प्रवासी मजदूरों से किराया लिया जा रहा है। उन्होंने बताया कि प्रवासी मजदूरों से वही किराया लिया जा रहा है, जो जायज है। वहीं, हरियाणा रोडवेज बस ने प्रवासी मजदूरों को राधा स्वामी सत्संग भवन में बनाए गए शेल्टर होम में थर्मल स्क्रीनिंग के बाद यूपी रोडवेज की बसों से उनके गृह जनपद भेजा गया। तहसीलदार प्रवीण कुमार ने बताया कि यूपी रोडवेज की बसों से प्रवासी मजदूरों को उनके गृह जनपद निःशुल्क भेजा जा रहा है।
Published on:
20 May 2020 11:47 am
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