31 दिसंबर 2025,

बुधवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

निकाय चुनाव: जिस कैराना का अमित शाह तक बार-बार लेते हैं नाम, वहां चेयरमैनी की जंग में कौन आगे?

UP Nikay Chunav: उत्तर प्रदेश की कैराना नगर पालिका पर भी हसन परिवार का अच्छा दबदबा माना जाता है।

2 min read
Google source verification
kairana

कैराना के निवर्तमान चेयरमैन अनवर हसन पत्नी जाकिरा के साथ।

पश्चिम उत्तर प्रदेश का कैराना एक ऐसा इलाका है, जो बीते काफी समय से राजनेताओं के लिए हॉटस्पॉट बना हुआ है। कैराना पलायन पर सीएम योगी से लेकर गृहमंत्री अमित शाह तक ने लोकसभा और विधानसभा के चुनाव में बयान दिए। इसके बाद से कैराना की बातें देशभर में चर्चा बनती रही हैं।


पिछड़ा वर्ग के लिए आरक्षित है कैराना
कैराना में बीते लोकसभा और विधानसभा चुनावों में बीते एक दशक में बीजेपी और सपा में सीधी टक्कर होती रही है। इस बार चेयरमैनी के लिए भी सपा और भाजपा के आमने-सामने रहने की उम्मीद थी लेकिन सपा-रालोद ने कैराना से कैंडिडेट ही नहीं उतारा।

पिछड़ा वर्ग के लिए आरक्षित कैराना नगरपालिका पर इस बार भाजपा से सेठपाल सिंह कैंडिडेट है। सपा-रालोद गठबंधन ने यहां प्रत्याशी नहीं दिया है। कांग्रेस से सलीम अहमद उतरे हैं। हालांकि भाजपा से मुकाबला कांग्रेस का नहीं बल्कि हाजी अनवर हसन का माना जा रहा है। हालांकि पर्चा भरने के बावजूद उन्होंने पत्नी को चुनाव लड़ाने की बात कही है।


अनवर हसन निवर्तमान चेयरमैन
अनवर हसन निवर्तमान चेयरमैन हैं। इस बार अनवर हसन और उनकी पत्नी जाकिरा ने निर्दलीय पर्चा भरा था। माना जा रहा था कि अनवर ही चुनाव लड़ेंगे। ऐन मौके पर अनवर ने खुद लड़ने की बजाय पत्नी जाकिरा हसन को चुनाव लड़ाने का ऐलान किया है।

अनवर हसन कैराना विधायक नाहिद हसन के चाचा हैं। लंब समय से वो पालिका की राजनीति कर रहे हैं और अच्छा प्रभाव रखते हैं। सपा-रालोद का कैंडिडेट ना होने की स्थिति में कैराना में उनकी पत्नी जाकिरा का मुकाबला बीजेपी से माना जा रहा है। अनवर हसन 2017 में आसानी से जीत हासिल करने में कामयाब रहे थे। इस बार भाजपा प्रत्याशी उनको कैसे मुकाबला देता है, ये देखने वाली बात होगी।


यह भी पढ़ें: मुजफ्फरनगर सीट, 35 साल से चेयरमैन किसी भी पार्टी का बना, बीच में चार्ज जरूर छीना गया