
शामली. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कोरोना वायरस से फैली महामारी से लड़ने के लिए पूरे देश को 21 दिनों के लिए लॉक डाउन किया तो गरीबों को खाने के लाले पड़ गए। दरअसल, लॉकडाउन की घोषणा के बाद आर्थिक गतिविधिया सिथिल पड़ जाने के कारण लोग अपने-अपने घरों में कैद हैं, जिससे दिहारी मजदूरों के लिए रोजी-रोटी का संकट पैदा हो गया है। हालात ये है कि कई परिवारों के सामने दो जून की रोटी की मुसाबीत खरी हो गई है। इस मौके पर यूपी पुलिस का काम गरीब और परेशान लोगों के लिए नजीर बनकर सामने आ रही हैं।
ताजा मामला शामली जनपद के कैराना का है। यहां मोहल्ला आलकलां में लॉकडाउन के चलते पुलिस गश्त कर रही थी। इसी दौरान कोतवाली प्रभारी यशपाल धामा और किला गेट चौंकी इंचार्ज धर्मेंद्र सिंह यादव को किरण नामक एक वृद्धा विधवा महिला ने पुलिस को बताया कि उसके घर में खाने के लिए कुछ भी राशन का सामान नहीं हैं।
इतना सुनने के बाद कैराना पुलिस ने मानवता का परिचय देते हुए अपने पास से पैसे खर्चकर उसके लिए एक माह के लिए दैनिक आवश्यकताओं के अनुसार भोजन का समान भिजवा दिया। जिसे पाकर महिला पुलिस की इस मानवता के लिए दुआएं देती नजर आई। कोतवाली प्रभारी यशपाल धामा ने बताया कि लॉकडाउन के दौरान अगर कोई भी गरीब और बेसहारा व्यक्ति मिलता है तो पुलिस-प्रशासन उसको खाद्य सामग्री उपलब्ध कराने के लिए तत्पर है।
Published on:
26 Mar 2020 01:32 pm
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