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मामोर झील की दीवार टूटी, हजारों बीघा फसलें नष्ट, हर जगह पानी-ही पानी

किसानों ने सरकार से मुआवजे की मांग की

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शामली. किसानों के लिए सिरदर्द बनी मामोर झील एक बार फिर टूट गई है। वहीं, झील टूटने के कारण किसानों की हजारों बीघे में लगी गेहूं, गन्ने और सरसों की फसलें नष्ट हो गई हैं। प्रशासन ने शनिवार को बीमार ममोर झील का समाधान नहीं किया। वहीं, फसल नष्ट होने से आहत किसानों ने मुआवजे की मांग की है। गौरतलब है कि लगातार दो दिन से हो रही मूसलाधार बारिश के कारण कैराना तहसील के गांव मामोर झील ओवरफ्लो होकर टूट गई। मामोर झील के टूटने के कारण आसपास के किसानों की हजारों बीघे में लगी फसल जलमग्न होकर बर्बाद होती जा रही है।

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वहीं, मामोर झील ओवरफ्लो होने के कारण किसानों की ओर से बनाई गई अस्थाई मिट्टी की मेड़ भी टूट गई। मेड़ टूटने से मामोर झील का पानी दर्जनों किसानों की सैंकड़ों बीघे में लगी फसल नष्ट हो गई है। किसानों ने बताया कि उन्होंने कर्ज लेकर फसलें उगाई थी। फसलें तैयार थी, लेकिन झील के गंदे पानी ने उनकी फसलों को बर्बाद कर दिया है। किसानों का कहना हैं कि अधिकारियों ने अनेकों बार झील का निरीक्षण तो किया, लेकिन सरकार और प्रशासनिक अधिकारी आज तक कभी भी मामोर झील का समाधान नहीं कर पाएं। सभी किसानों ने प्रशासन से नष्ट फसलों का सर्वे कराकर मुआवजे की मांग की है।