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जिले के 36 हजार मजदूरों को मिलेगा दो करोड़ 38 लाख रुपए का बोनस

श्योपुरञ्चपत्रिका. हर साल मई-जून में हजारों मजदूरों को रोजगार उपलब्ध कराने वाले तेंदूपत्ता संग्रहण कार्य के तहत वन विभाग पिछले साल का बोनस देने की तैयारी कर रहा है। जिसके लिए आगामी 22 अगस्त को कराहल में एक राज्यस्तरीय कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा है, जिसमें मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव तेंदूपत्ता संग्राहक मजदूरों के बैंक […]

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22 को कार्यक्रम में श्योपुर सहित 6 जिलों के तेंदूपत्ता संग्राहकों को लाने की कवायद

श्योपुरञ्चपत्रिका. हर साल मई-जून में हजारों मजदूरों को रोजगार उपलब्ध कराने वाले तेंदूपत्ता संग्रहण कार्य के तहत वन विभाग पिछले साल का बोनस देने की तैयारी कर रहा है। जिसके लिए आगामी 22 अगस्त को कराहल में एक राज्यस्तरीय कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा है, जिसमें मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव तेंदूपत्ता संग्राहक मजदूरों के बैंक खातों में बोनस की राशि जारी करेंगे।

हालांकि बोनस वितरण की प्रक्रिया पूरे प्रदेश के मजदूरों के लिए होगी, लेकिन इसमें श्योपुर जिले के 36 हजार तेंदूपत्ता संग्राहक मजदूरों को 2 करोड़ 38 लाख रुपए का बोनस दिया जाएगा। विशेष बात ये है कि विजयपुर विधानसभा में उपचुनाव होने हैं, लिहाजा बोनस वितरण के राज्यस्तरीय कार्यक्रम के लिए कराहल का चयन किया गया है। क्योंकि कराहल क्षेत्र के आदिवासी मजदूर तेंदूपत्ता संग्रहण कार्य करते हैं।

वर्ष 2023 के संग्रहण का मिलेगा बोनस

राज्य सरकार द्वारा तेंदूपत्ता की बिक्री से होने वाली आय में से हर साल संग्रहण करने वाले मजदूरों को बोनस जारी करती है। यही वजह है कि वर्ष 2023 में हुई आय में से 22 अगस्त को बोनस की राशि जारी की गई। इसमें श्योपुर जिले में वर्ष 2023 में 22 हजार 490 मानक बोरा तेंदूपत्ता संग्रहण का लक्ष्य था, जिसके एवज में 24 हजार 317 मानक बोरा का संग्रहण हुआ। यही वजह है कि जिले के 36 हजार मजदूरों को 2 करोड़ 38 लाख रुपए का बोनस जारी किया जा रहा है।

इस बार 68 फीसदी हुआ संग्रहण

जिले के 56 फीसदी भू-भाग पर फैले वनक्षेत्र में कई वनोपज आदिवासी व अन्य मजदूरों की आजीविका है। इन्हीं में से तेंदूपत्ता वनोपज भी आदिवासी मजदूरों के लिए मई-जून माह में मुख्य आय का स्रोत है। लेकिन वर्ष 2024 में इस बार तेंदूपत्ता में रोग लग गया, लिहाजा संग्रहण की लक्ष्यपूर्ति नहीं हो पाई। विभागीय आंकड़ों के अनुसार इस बार 24 हजार 949 मानक बोरा संग्रहण का लक्ष्य था, लेकिन 68 फीसदी ही संग्रहण हो पाया।

16 वन समितियों से जुड़े 36 हजार मजदूर

जिले में तेंदूपत्ता संग्रहण का कार्य वन विभाग के अंतर्गत जिला वनोपज यूनियन 16 वन समितियों के माध्यम से कराता है। जिनमें श्योपुर, पिपरानी, नयागांव, कराहल, गोरस, पहेला, खिरखिरी, पर्तवाड़ा, सेसईपुरा, रतोदन, ओछापुरा, डोब, हीरापुर, वीरपुर, विजयपुर तथा गसवानी शामिल हैं। इन समितियों के 189 संग्रहण केंद्र हैं। समितियों के माध्यम से ही 36 हजार तेंदूपत्ता संग्राहक मजदूरों को तय दर पर भुगतान किया जाता है और यदि बाद में समितियों को ज्यादा मुनाफा होता है तो फिर मजदूरों को बोनस भी मिलता है।

कार्यक्रम में प्रदेश के 52 हजार मजदूरों को मिलेगा बोनस

कार्यक्रम में 52 हजार मजदूरों को बोनस वितरण किए जाने की तैयारी की जा रही है। जिसके लिए श्योपुर सहित मुरैना, ग्वालियर, शिवपुरी, दतिया, गुना जिले के मजदूर शामिल हैं। वहीं पूरे प्रदेश के बोनस वितरण की स्थिति के अनुसार 15 लाख 38 हजार तेंदूपत्ता संग्राहकों को 115 करोड़ रुपए का बोनस जारी होगा। जबकि श्योपुर जिले के 36 हजार मजदूरों को 2 करोड़ 38 हजार रुपए का बोनस दिया जाएगा।

श्योपुर जिले के तेंदूपत्ता संग्रहण करने वाले 36 हजार मजदूरों को 2 करोड़ 38 लाख रुपए का बोनस वितरण किया जाएगा। इसके लिए तैयारियां की जा रही है।

सीएस चौहान, डीएफओ, सामान्य वन मंडल श्योपुर