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शिफ्ंटिग का एक सप्ताह बीता, अफ्रीकी मेहमानों को रास आ रहा नया घर

कूनो नेशनल पार्क में बेहतर ढंग से सर्वाइव कर रहे अफ्रीकी चीते, चीतों के व्यवहार से विशेषज्ञ भी नजर आ रहे संतुष्ट    

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शिफ्ंटिग का एक सप्ताह बीता, अफ्रीकी मेहमानों को रास आ रहा नया घर

शिफ्ंटिग का एक सप्ताह बीता, अफ्रीकी मेहमानों को रास आ रहा नया घर

श्योपुर. नामीबिया से लाकर कूनो नेशनल पार्क में बसाए गए अफ्रीकी मेहमानों (चीतों) की शिफ्ंटिग के बाद एक सप्ताह बीत गया है। ऐसे में अब न केवल चीतों को न केवल नया घर रास आ रहा है, बल्कि धीरे-धीरे बेहतर ढंग से सर्वाइव भी कर रहे हैं। यही वजह है कि इस प्रोजेक्ट से जुड़े विशेषज्ञ और कूनो पार्क प्रबंधन के अफसर भी चीतों के व्यवहार से संतुष्ट नजर आ रहे हैं।

चीतों पर निगरानी रख रहे विशेषज्ञों के मुताबिक इस पूरे एक सप्ताह के दौरान कूनो नेशनल पार्क के छह छोटे बाड़ों में क्वारंटीन किए गए 8 चीतों का व्यवहार पूरी तरह सामान्य रहा है। इससे साफ है कि नामीबिया से हजारों किलोमीटर दूर कूनो नेशनल पार्क का नया घर उन्हें रास आ रहा है। यही वजह है कि बाड़ों में चीते खूब उछलकूद कर रहे हैं और मस्ती कर रहे हैं। यही नहीं बीते दो दिनों में बारिश भी हुई और शिफ्ंटिग के बाद ये पहली बारिश रही, लेकिन बारिश से भी चीतों के व्यवहार में कोई अंतर नहीं आया। चीतों की मस्ती, बाड़े में स्वच्छंद विचरण, बाड़े में बने हौद में पानी पीने के तरीके और समय-समय पर दिए जाने वाले भोजन(मांस) खाने की स्थितियों से जाहिर हो रहा है कि चीते कूनो नेशनल पार्क की आवोहवा में पूरी तरह ढल रहे हैं।

डब्ल्यूआईआई के डीन सहित विशेषज्ञ कर रहे निगरानी

नामीबिया से लाए गए 8 अफ्रीकी चीतों को 17 सितंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा कूनो नेशनल पार्क में छोड़े जाने के बाद विशेषज्ञ और डॉक्टरों की टीम चीतों पर सतत निगरानी कर रही है। यही नहीं भारतीय वन्यजीव संस्थान देहरादून के डीन वाइवी झाला और नामीबिया के विशेषज्ञ डॉ.एना, इलाय और बाट भी यहां अभी रुके हुए हैं। इनमें नामीबियाई विशेषज्ञ बाट तो चीतों की क्वारंटीन अवधि में एक माह तक यहीं रहेंगे और चीतों के सर्वाइव करने की स्थितियों का अध्ययन करेंगे।

कूनो में चीता शिफ्ंटिग के बाद एक सप्ताह का समय बीत गया है। चीते पूरी तरह सर्वाइव कर रहे हैं, सारी स्थितियां सामान्य है। विशेषज्ञों और डॉक्टरों की निगरानी में एक शेड्यूल के तहत उन्हें अल्टरनेट भोजन दिया जा रहा है।

पीके वर्मा, डीएफओ, कूनो नेशनल पार्क श्योपुर