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आधा दर्जन स्थानों पर टूटी पड़ी चंबल नहर, 82 लाख रुपए में होगी मरम्मत

श्योपुर. श्योपुर सहित चंबल संभाग के तीनों जिलों के किसानों की जीवनदायिनी चंबल मुख्य नहर भारी बारिश के चलते कई जगह से टूटी पड़ी है। ऐसे में रबी सीजन के लिए अक्टूबर में पानी आने से पहले नहर की मरम्मत नहीं हुई तो किसानों को ङ्क्षसचाई का पानी नहीं मिल सकेगा। यही वजह है कि […]

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बारिश के चलते टूट गई है नहर की पाल, मरम्मत के लिए 2 माह का समय

श्योपुर. श्योपुर सहित चंबल संभाग के तीनों जिलों के किसानों की जीवनदायिनी चंबल मुख्य नहर भारी बारिश के चलते कई जगह से टूटी पड़ी है। ऐसे में रबी सीजन के लिए अक्टूबर में पानी आने से पहले नहर की मरम्मत नहीं हुई तो किसानों को ङ्क्षसचाई का पानी नहीं मिल सकेगा। यही वजह है कि विभागीय अधिकारी नहर की मरम्मत की प्रक्रिया में जुट गए हैं, जिसके लिए 82 लाख रुपए का एस्टीमेट बनाया गया है। हालांकि अभी इसे स्वीकृति नहीं मिली है, लेकिन रबी सीजन के लिए पानी शुरू होने तक अब महज 2 माह का समय शेष बचा है। ऐसे में यदि शासन से इस कार्य को मंजूरी नहीं मिली तो किसानों की मुश्किलें बढ़ सकती है।
पार्वती एक्वाडक्ट से शुरू होने वाली चंबल नहर की जिले में लंबाई लगभग 120 मीटर है। जिसमें से वर्तमान में नहर की पाल आधा दर्जन स्थानों पर टूटी हुई है। जिसकी कुल लंबाई लगभग 150 मीटर हो रही है। इसमें कई जगह मिट्टी की पाल कट गई हैं, वहीं कुछ जगह पक्की दीवार ही टूट गई है। विभागीय अधिकारियों के अनुसार इस मरम्मत कार्य पर 82 लाख रुपए खर्च होंगे। जिसका प्रस्ताव भोपाल जलसंसाधन ईएनसी कार्यालय को भेजा गया है। वहां से मंजूरी के बाद धरातल पर कार्य शुरू हो जाएंगे।

तीन साल पहले भी टूटी थी नहर

अगस्त 2021 में जब भारी बारिश हुई थी, तब भी चंबल नहर कई जगह से टूट गई थी। हालांकि तत्समय मरम्मत के बाद अक्टूबर में पानी छोड़ दिया गया था, लेकिन इस बार भी बारिश के चलते नहर टूटने से किसानों की ङ्क्षचताएं बढ़ी हुई है।

छह माह चलती है चंबल नहर

लगभग 60 साल पूर्व चंबल ङ्क्षसचाई परियोजना के अंतर्गत बनाई गई चंबल नहर में श्योपुर, मुरैना और ङ्क्षभड जिलों में बहती है। इसमें अक्टूबर से मार्च माह तक पानी मिलता है। जिससे तीनों जिलों की साढ़े 3 लाख हेक्टेयर भूमि की ङ्क्षसचाई होती है। इसमें श्योपुर जिले में ही लगभग 70 हजार हेक्टेयर में ङ्क्षसचाई होती है। ऐसे में समय से पहले चंबल नहर की मरम्मत जरूरी है।

चंबल के बांधों में पर्याप्त पानी

चंबल नहर में पानी उपलब्ध कराने वाले चंबल नदी के बांधों में इस बार पर्याप्त पानी हो गया है। अभी जारी बारिश के दौर से मध्यप्रदेश के गांधीसागर में 1300 फीट पानी हो गया है, जबकि इसकी भराव क्षमता 1312 फीट है। इसी बांध से पानी छोड़े जाने के बाद राणाप्रताप सागर, जवाहर सागर और कोटा बैराज में पहुंचता है। कोटा बैराज से फिर चंबल नहर में सिंचाई के लिए पानी छोड़ा जाता है।
ये बात सही है कि चंबल नहर कुछ स्थानों पर टूटी हुई है, लेकिन इसके मरम्मत का प्रस्ताव बना लिया है और हम इसकी स्वीकृति कराकर जल्द मरम्मत कार्य कराएंगे।
रामनरेश शर्मा, कार्यपालन यंत्री, जलसंसाधन विभाग श्योपुर