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बिजली बिलः कहीं आपके साथ भी तो नहीं हो रही आंकलित खपत लगाकर वसूली

अप्रैल और मई माह में ज्यादा आए उपभोक्ताओं के बिल विद्युत विभाग उपभोक्ताओं को मनमाने बिल देकर सब्सिडी के नाम पर कर रहा छलावा

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श्योपुर. जिले के विजयपुर में एक तरफ उपभोक्ताओं से सब्सिडी के नाम पर छलावा किया गया जा रहा है वहीं दूसरी तरफ आंकलित खपत लगाकर बिल वसूले जा रहे हैं। बिजली कंपनी और सरकार भले ही सब्सिडी देने का ढिंढोरा पीट रही है, लेकिन उपभोक्ताओं को सब्सिडी के नाम पर छला जा रहा है। अप्रैल और मई माह में उपभोक्ताओं को सब्सिडी का लाभ नहीं मिला। ऐसे में उपभोक्ताओं को पांच सौ रुपए की जगह हजार रुपए से ज्यादा के बिल भरने पड़े।

बिजली कंपनी के अधिकारियों से उपभोक्ताओं ने पूछा तो बताया गया है कि आपको सरकार से मिलने वाली सब्सिडी की छूट अबकी बार नहीं मिल पाई है। कारण बजट न होना बताया गया। इधर आंकलित खपत लगाकर उपभोक्ताओं पर बिजली कंपनी ने बोझ डाल दिया। ग्रामीण क्षेत्रों में घरेलू उपभोक्ताओं के बिल आंकलित खपत के आधार पर दिए जाने से भी उपभोक्ता सब्सिडी से वंचित रह रहे हैं। क्योंकि सरकार ने सब्सिडी के लिए जो यूनिट तय किए हैं वह यूनिट आंकलित खपत से ज्यादा आ रही है। इसके पीछे विद्युत विभाग के मीटर वाचकों द्वारा समय पर यूनिट न लेना भी है। समय पर यूनिट न लिए जाने पर आंकलित खपत के बिल उपभोक्ताओं को थमाए जा रहे हैं।

उर्जा मंत्री की फटकार फिर भी मनमानी
घरेलू उपभोक्ताओं के ज्यादा बिल आने की शिकायत पर उर्जा मंत्री कई बार विभागीय अधिकारियों को फटकार लगा चुके हैं , लेकिन अफसरों पर ऊर्जा मंत्री की फटकार का भी कोई असर नहीं हो रहा है। वह उपभोक्ताओं को आंकलित खपत लगाकर बिल जारी करने में लगे हुए हैं।

बिजली उपभोक्ता जंडेल धाकड़ ने कहा कि मेरे पिताजी को जब भारी भरकम बिल थमाया गया तो मैंने पूछा कि इतना बिल क्यों है तो अधिकारी कहने लगे सब्सिडी नहीं आई है इसलिए। बिल तो पूरा भरना पड़ेगा वरना बिजली कनेक्शन काट देंगे।प्रदेश कांग्रेस कमेटी कार्यकारी अध्यक्ष, रामनिवास रावत ने कहा कि सरकार सब्सिडी के नाम पर उपभोक्ताओं के साथ छलावा कर रही है। भाजपा सरकार झूठे वायदों के सहारे चलने वाली सरकार है। हम जल्द ही बड़े स्तर पर धरना प्रदर्शन कर इनको वायदे याद दिलाएंगे और उपभोक्ताओं को उनका हक दिलवाएंगे।

अप्रैल और मई माह में ज्यादा आए उपभोक्ताओं के बिल
उपभोक्ताओं को सरकार द्वारा मिलने वाली सब्सिडी अप्रैल और मई माह में नहीं मिलने से इन माह सबसे ज्यादा बिल आए। घरेलू उपभोक्ताओं को हर माह पचास से लेकर साठ फीसदी तक सब्सिडी दी जाती है, लेकिन अप्रैल और मई माह में सरकार के पास बजट नहीं होने के चलते उपभोक्ताओं को बिना सब्सिडी सहित बिल दिए गए। हालांकि आगे माह में सब्सिडी आना शुरु हो गई है लेकिन दो माह सरकार ने सब्सिडी की राशि बचा ली।


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