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आत्मनिर्भरता की गढ़ी नई इबारत, दिव्यांग पति और अपने परिवार को दिया संबल

अपने दिव्यांग पति और परिवार की आजीविका चलाने न केवल वाहन की स्टेयरिंग थामी बल्कि अब सडक़ों पर फर्राटा भरते हुए सवारी और सामान ढोती नजर आती हैं। ये है जिले की पहली महिला ड्रायवर सुनीता आदिवासी, जिसने न केवल महिला आत्मनिर्भरता की एक नई इबारत लिखी है, बल्कि अपने परिवार को भी एक संबल दिया है

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आत्मनिर्भरता की गढ़ी नई इबारत, दिव्यांग पति और अपने परिवार को दिया संबल

आत्मनिर्भरता की गढ़ी नई इबारत, दिव्यांग पति और अपने परिवार को दिया संबल

श्योपुर. अपने दिव्यांग पति और परिवार की आजीविका चलाने न केवल वाहन की स्टेयरिंग थामी बल्कि अब सडक़ों पर फर्राटा भरते हुए सवारी और सामान ढोती नजर आती हैं। ये है जिले की पहली महिला ड्रायवर सुनीता आदिवासी, जिसने न केवल महिला आत्मनिर्भरता की एक नई इबारत लिखी है, बल्कि अपने परिवार को भी एक संबल दिया है।


जिले के कराहल ब्लॉक की ग्राम पंचायत गढ़ला के ग्राम डंूडीखेड़ा निवासी आदिवासी महिला सुनीता के पति बंशीलाल दिव्यांग हैं। साथ ही परिवार की आर्थिक स्थिति भी अच्छी नहीं थी। यही वजह है कि सुनीता परिवार की आजीविका चलाने के लिए पहले तो एनआरएलएम के समूह से जुड़ी। इसके बाद वर्ष 2018 में प्रधानमंत्री परिवहन योजना के अंतर्गत अपने समूह के माध्यम से ऋण लेकर एक मैजिक वाहन खरीदा और स्वयं ड्रायविंग सीखकर वाहन चलाना प्रारंभ किया। जिसके बाद सुनीता ने पीछे मुडकऱ नहीं देखा और इसी वाहन से सवारियां भी ढो रही हैं तो लोडिंग भी कर रही हैं। जिले की पहली महिला ड्रायवर होने के तमगे के साथ सुनीता इसी वाहन की मदद से अब अपने परिवार की आजीविका की गाड़ी भी बखूबी खींच रही है।

जिले से बाहर का भी लगाती हैं टूर
सुनीता यूं तो अक्सर अपने गांव डूंडीखेड़ा, से बरगवां, कराहल आदि क्षेत्रों में ही वाहन चलाती हैं, लेकिन कभी-कभी सवारियां और सामान लेकर जिले से बाहर भी जाती हैं। सुनीता के मुताबिक कई बार तो वे अहमदाबाद गुजरात तक भी इस वाहन केा चलाकर ले जा चुकी हैं।

आय बढ़ी तो खेती को दिया बढ़ावा
आजीविका एक्सप्रेस से आय बढ़ी तो सुनीता ने अपनी खेती को भी बढ़ावा दिया। अपने छोटे से खेत में सौलर पंप ट्यूबवेल भी लगवा लिया, जिससे सिंचाई का संकट खत्म हो गया। वहीं समूह की अन्य महिलाओं के साथ मिलकर कडकऩाथ मुर्गी

पालन भी शुरू कर दिया।

डूंडीखेड़ा की सुनीता आदिवासी जिले की पहली महिला ड्रायवर है, जो आजीविका एक्सप्रेस वाहन चला रही है। इसके साथ ही आजीविका समूह की अन्य गतिविधियों से जुडक़र अपनी आय में वृद्धि की है।
डॉ.एसके मुदगल, जिला प्रबंधक, एनआरएलएम श्योपुर