
सोयाबीन में घाटा होने लगा तो किसानों का रुझान मोटे अनाज की ओर बढ़ा
श्योपुर. नगदी और मुनाफे वाली फसलों के साथ ही अब जिले के किसानों का रुझान फिर से मोटे अनाज की ओर नजर आ रहा है। यही वजह है कि इस बार खरीफ 2024 के सीजन में जिले में मोटे अनाज की फसलों का रकबा बढ़ा है। हालांकि खरीफ की मुख्य फसल तो धान बन गई है, लेकिन अन्य फसलों के रूप में किसान अब ज्वार, बाजरा और मक्का जैसी फसलों की ओर जा रहे हैं। इसके साथ ही इस बार तो दलहन और तिलहन फसलों का रकबा भी बढ़ा है।
खरीफ फसलों की बोवनी पूरी हो गई है, ऐसे में जिले में इस बार मक्का का रकबा दो गुना तक बढ़ गया है और इस बार 4 हजार 399 हेक्टेयर में बोवनी हुई है। वहीं ज्वार में अप्रत्याशित वृद्धि हुई है और पिछले साल के मुकाबले 6 गुना रकबा बढ़ा है, जिसके चलते ज्वार 1938 हेक्टेयर में बोई गई है। वहीं बाजरा की फसल का रकबा 36500 हेक्टेयर में पहुंच गया है।
फसल वर्ष 2023 वर्ष 2024
बाजरा 34200 36500
ज्वार 378 1938
मक्का 2066 4399
उड़द 12659 20241
मूंग 1000 1710
अरहर 1100 1478
मूंगफली 1832 3186
मोटा अनाज की खेती भी आज के दौर में लाभ की खेती बन रही है। मोटे अनाज में गेहूूं और चावल से 5 गुना पोषण होता है। सरकार भी मोटा अनाज को बढ़ावा दे रही है। यही वजह है कि जिले में इस बार ज्वार, बाजरा और मक्का का रकबा बढ़ा है। इस बार जिले के कई क्षेत्रों में मक्का की अच्छी फसल खेतों में खड़ी है।
पी गुजरे, उपसंचालक, कृषि विभाग श्योपुर
Updated on:
01 Sept 2024 11:39 pm
Published on:
01 Sept 2024 11:38 pm
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