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लॉकडाउन के बीच विजयपुर की दुल्हन और श्योपुर के दूल्हे ने लिए फेरे

इस आखातीज के सहालगी सीजन में लॉकडाउन के बीच शहर में हुई पहली शादी, शहर के गायत्री मंदिर में संपन्न हुआ पाणिग्रहण

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लॉकडाउन के बीच विजयपुर की दुल्हन और श्योपुर के दूल्हे ने लिए फेरे

लॉकडाउन के बीच विजयपुर की दुल्हन और श्योपुर के दूल्हे ने लिए फेरे

श्योपुर,
न बैंड बाजा न बाराती न कोई तामझाम। गायत्री मंदिर प्रांगण में सजी हवनवेदि पर हिंदू रीति रिवाज से पाणिग्रहण संस्कार हुआ और वर और वधु पक्ष से चार-चार लोगों ने इस विवाह में शामिल होकर वर-वधु को आशीर्वाद दिया। ये नजारा है सोमवार को हुई एक शादी का, जो लॉकडाउन के बीच इस आखातीज के सीजन में शहर में पहली शादी है। इसमें विजयपुर की दुल्हन और श्योपुर के दूल्हे ने लॉकडाउन की बंदिशों के बीच सात फेरे लिए।


कोरोना वायरस के लॉकडाउन चलते इस बार सबसे बड़े अबूझ सहालग आखातीज पर तो जिले भर में एक भी शादियां नहीं हुई, लेकिन सोमवार को लॉकडाउन के बीच इस सीजन में पहली शादी शहर के गायत्री मंदिर में हुई। यहां श्योपुर निवासी कपिल बालोठिया पुत्र रमेशचंद बालोठिया और विजयपुर निवासी पूजा पुत्री रामस्रूप डिगर्रा की शादी संपन्न हुई। लॉकडाउन की तमाम बंदिशों के बीच दोनों पक्षों के चंद लोगों की मौजूदगी में गायत्री परिवार के आचार्यों ने रीति-रिवाजों के मुताबिक शादी संपन्न कराई। इस दौरान दूल्हा-दुल्हन सहित सभी लोगों ने न केवल मास्क लगाए बल्कि सोशल डिस्टेंसिंग का भी पालन किया।


दूल्हे की बहनें और बड़ा भाई भी नहीं हो पाए शामिल
विजयपुर निवासी वधु पक्ष (दुल्हन, उसके माता-पिता और भाई-भाभी कुल पांच लोग) प्रशासन की अनुमति के बाद सोमवार की सुबह श्योपुर पहुंचे। लेकिन लॉकडाउन के चलते अन्य परिजन या कोई रिश्तेेदार शादी में शामिल नहीं हो सके। वहीं दूल्हे कपिल की चार बहनें और दो भाई भी लॉकडान के चलते अन्य शहरों में फंसे होने के कारण शादी में नहीं आ पाए। विशेष बात यह है कि शादी की सारी रस्में(हल्दी, मंडल, चाक-बासन, लग्न, सगाई आदि) एक ही दिन में ही पूरी की गई।